बवासीर का इलाज क्या है? पाइल्स क्या है? जब शरीर के निचले रेक्टम की तरफ गूदे में सूजन हो जाए तो यह बवासीर का रूप ले सकती है। इन्हें पाइल्स या हेमोर्रोइड्स भी कहा जाता है। बवासीर दो तरह की होती है-भीतरी एवं बाहरी। भीतरी बवासीर की दशा में अंदरूनी रक्तपात होता है जिसमें दर्द नहीं होता। बाहरी बवासीर में इंसान को दर्द महसूस होता है क्योंकि इसमें गूदे में सूजन की वजह से काफी पीड़ा होती है। बवासीर के कई कारण हो सकते हैं जिनमें प्रमुख हैं वंशानुगत दशा,खानपान सही न होना, फाइबर की कमी गूदे की कैविटी में असामान्य बढ़ोत्तरी ,लम्बे समय तक बैठे रहना और कब्ज़ की समस्या। बवासीर को ठीक करने के लिए नीचे दिए गए घरेलू उपचारों में से किसी का भी सहारा लिया जा सकता है।
पहले तो हम आप को बवासीर के लक्षण बताते हैं-
- बवासीर के लक्षण, खुजली तथा मलाशय में दर्द।
- मलाशय के पास चिडचिडापन, खून का थक्का जमना या सूजन।
- बवासीर के लक्षण, खून निकलना।
बवासीर का आयुर्वेदिक उपचार-
- ठंडी सेंक सिकुड़न में सहायता करती है। यह दर्द को कम करती है और खुजली से तुरंत आराम दिलाती है। ठंडी सेंक की मदद से सूजन काफी कम हो जाती है और इसके फलस्वरूप आपके लिए मलत्याग करना काफी आसान हो जाता है। अतः एक साफ़ कपड़े में बर्फ का टुकड़ा बांधें तथा इसका प्रयोग अपने बवासीर के ऊपर करें। इसका प्रयोग दिन में कई बार करें। इससे रक्त की धमनियां सिकुड़ जाती हैं, जिसके फलस्वरूप बवासीर से छुटकारा मिलता है।
- मूली का नियमित सेवन बवासीर को ठीक कर देता है।
- पालक, बथुआ, पत्ता गोभी, चौलाई, सोया, काली जीरी के पत्ते का साग खाना चाहिए।
- नींबू को चीरकर उस पर चार ग्राम कत्था पीसकर बुरक दें और उसे रात में छत पर रख दें। सुबह दोनों टुकड़ों को चूस लें, यह खूनी बवासीर की उत्तम दवा है।
- हरी सब्जियों में परवल, पपीता, भिंडी, केला का फूल, मूली, गाजर, शलजम, करेला, तुरई खाना चाहिए।
- खाना आसानी से हज़म करने और मलाशय का स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए फाइबर युक्त भोजन काफी फायदेमंद होता है। फाइबर के पोषक तत्व मल को नर्म करने में मदद करते हैं और आँतों की सारी प्रणाली को साफ़ सुथरा रखने में सहायता करते हैं। फाइबर युक्त भोजन के सेवन से कब्ज़ की समस्या से भी आराम प्राप्त होता है। फाइबर युक्त भोजनों में प्रमुख हैं पटसन के बीज, प्रून (prune), नाशपाती, सब्जियां और बीन्स (beans)।
- 2 चम्मच तिल चबाकर ठंडे पानी के साथ प्रतिदिन सेवन करने से बवासीर कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
- त्रिफला का चूर्ण लेना चाहिए। ऐसा कुछ दिनों तक करने से बवासीर रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है।
- रोजाना कम से कम 8 गिलास पानी पिएं, क्योंकि इससे शरीर की अशुद्धियों को दूर करने में सहायता मिलती है। पानी आपके मलाशय को स्वस्थ बनाकर रखता है, जिससे ये नर्म और नमीयुक्त रहता है और आपका मल भी इससे नर्म होता है। अपनी अंदरूनी प्रणाली को साफ करने के लिए हमेशा पानी पियें। पानी आपके शरीर में नमी का संचार करता है और आपके मल को नर्म बनाता है। इसी तरह फाइबर युक्त भोजन भी मल नर्म करते हैं और मलत्याग की प्रक्रिया में होने वाले दर्द में काफी कमी करते हैं।
- गुड़ में बेलगिरी मिलाकर खाने से रोगी व्यक्ति को बहुत अधिक लाभ मिलता है और बवासीर रोग ठीक हो जाता है।