अस्थमा का पूरा उपचार करना असंभव है; परन्तु घरेलू उपचारों द्वारा इसे रोका और नियंत्रित किया जा सकता है। यहाँ कुछ घरेलू उपचारों के बारे में बताया गया है। अस्थमा ऐसी स्थिति होती है जिसमें शरीर में आने वाली हवा का मार्ग संकरा हो जाता है और अधिक म्यूकस (बलगम) बनने लगता है।
इससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है और इसके साथ अन्य कई स्वास्थ्य समस्याएं भी हो जाती हैं। अस्थमा का सामान्य कारण कुछ विशेष प्रकार के एलर्जी वाले तत्व है। यह प्रत्येक व्यक्ति पर निर्भर करता है। यदि इसका उपचार नहीं किया गया तो यह जीवन के लिए धोखा दायक हो सकता है। दुर्भाग्यवश अस्थमा का उपचार नहीं किया जा सकता। परन्तु निश्चित रूप से इस स्थिति से निपटने के लिए कुछ उपचार उपलब्ध हैं।
अस्थमा की गंभीरता के अनुसार लम्बे या कम समय तक दवाईयां लेनी पड़ती हैं। परन्तु सामान्य मामलों में आप अस्थमा के लिए कुछ घरेलू उपचार अपनाकर इसे नियंत्रण में रख सकते हैं। इनमें से अधिकाँश अस्थमा उत्पन्न करने वाले कारकों को रोकते हैं या इन कारकों के हमारे शरीर पर होने वाले प्रभाव को कम करते हैं। यदि आपको अस्थमा है तो आपको कई चीज़ों से बहुत अधिक सावधान रहने की आवश्यकता होती है
जिसमें आपकी खाने पीने की आदतों से से लेकर आपकी काम करने की जगह शामिल हैं। अपनी पूरी जीवनशैली को अस्थमा फ्रैंडली शैली बनाने से लेकर आप अस्थमा के लिए कुछ घरेलू उपचार भी अपना सकते हैं। अस्थमा का पूरी तरह उपचार संभव नहीं है। परन्तु इन घरेलू उपचारों का उपयोग करके आप अस्थमा से लड़कर अपने जीवन को आसान बना सकते हैं। तो विशव अस्थमा दिवस नज़दीक है अत: हम आपको अस्थमा के लिए कुछ अच्छे घरेलू उपचार बता रहे हैं। आइये देखें:
अदरक:
घरों में अस्थमा के लिए आम तौर पर अदरक का उपयोग किया जाता है। एक टीस्पून पिसी हुई अदरक को डेढ़ कप पानी में मिलाएं। इसे सोने से पहले पीयें। यह अस्थमा की दवाईयों से होने वाली मांसपेशियों की शिथिलता के प्रबहाव को बढ़ाता है।
सरसों का तेल:
सरसों के तेल से मालिश करना दादी मां का सबसे अच्छा घरेलू उपचार है। इस प्रकार की मालिश से श्वसन का मार्ग साफ़ होता है और आपको सांस लेने में आसानी होती है।
स्टीमिंग (भाप लेना):
स्टीमिंग अस्थमा का आम तौर में उपयोग में लाया जाने वाला उपचार है। भाप बलगम को कम करती है और हवा के मार्ग को साफ़ करती है। आप अधिक प्रभाव के लिए यूकेलिप्टस ऑइल भी मिला सकते हैं।
अंजीर:
कफ़ निकालना और सांस लेनी के तकलीफों को दूर करके अस्थमा को नियंत्रित किया जा सकता है। अंजीर इसमं काफी प्रभावी होता है। तीन सूखे हुए अंजीर रात भर पानी में भिगो कर रखें। दूसरे दिन सुबह खाली पेट इसे पी लें। यह लम्बे समय तक प्रभाव करने वाला उपचार है जिसका असर कम से कम तीन महीने तक रहता है।
अनार अदरक का रस:
अनार का रस और शहद को समान मात्रा में मिलाएं। प्रतिदिन इस मिश्रण के एक चम्मच का सेवन दिन में तीन बार करें। इससे आपके सांस लेने के रास्ते के सूजन कम होती है और वायुमार्ग को कसने से रोका जा सकता है।
लहसुन
यदि आप अस्थमा के प्रारंभिक अवस्था में हैं तो आपके लिए लहसुन एक अच्छा विकल्प है। यह फेफड़ों में हुए जमाव को दूर करता है और हवा के मार्ग को साफ़ करता है। एक चौथाई कप दूध में लहसुन की तीन कलियाँ उबालें। इसे सोने से पहले पीयें।
मेथी:
मेथी में फेफड़ों को साफ़ करने का गुण होता है। एक कप पानी में एक टेबलस्पून मेथी के बीज उबालें। आप इसमें एक चम्मच अदरक का रस और एक चम्मच शहद मिला सकते हैं। इसे दिन में दो बार पीयें।
यूकेलिप्टस ऑइल (नीलगिरी का तेल):
यूकेलिप्टस का डिकंजेस्टंट गुण इसे अस्थमा के लिए एक उत्तम औषधि बनाता है। इसमें उपस्थित युकेलिप्टल घटक बलगम को निकालने में सहायक होता है। यूकेलिप्टस तेल की कुछ बूंदों को कॉटन बॉल पर डालें और इसे सूंघे और सोते समय इसे अपने सिर के पास रखें।