नई दिल्ली। भारत के दोपहिया वाहन उद्योग को नई रफ्तार देने वाली होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एचएमएसआई) ने गुरुवार को एक नया रिकॉर्ड बनाया।
कंपनी की होंडा एक्टिवा ने महज 7 महीनों के भीतर 20 लाख वाहनों की बिक्री का आंकड़ा पार कर लिया है। होंडा ने एक बयान में कहा कि हर 9वें सेकंड में देश का एक नया परिवार अपना पसंदीदा एक्टिवा स्कूटर खरीद रहा है।
2001 में लांचिंग के बाद से एक्टिवा को भारत के 20 लाख परिवारों तक पहुंच बनाने में 7 साल (2001 से 2008 तक) का वक्त लगा था, वहीं अब उसे अप्रैल से अक्टूबर (2017) के बीच महज 7 महीनों के भीतर 20 लाख नए ग्राहक (20,40,134 एक्टिवा स्कूटरों की बिक्री) जोड़ने में कामयाबी मिली है।
कंपनी ने कहा कि महज आधे दशक के दौरान दोपहिया वाहन उद्योग की बिक्री में उसने 52 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसकी तुलना में बिक्री में 180 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ एक्टिवा भारत का सबसे ज्यादा बिकने वाला दोपहिया वाहन बन गया है। साल 2012-13 में एक्टिवा की 7.3 लाख बिक्री हुई थी, जो 2017-18 में लगभग तिगुनी होकर 20 लाख वाहन तक पहुंच गई।
होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया प्रा. लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (बिक्री एवं विपणन) यादविंदर सिंह गुलेरिया ने कहा कि भारत एक्टिवा को प्यार करता है, जिस क्रम में उसने एक नई उपलब्धि हासिल की है और एक्टिवा भारत का सबसे ज्यादा बिकने वाला वाहन बना हुआ है।
सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले दोपहिया ब्रांड के तौर पर एक्टिवा की अप्रत्याशित लोकप्रियता उसके एडवांस्ड फीचर्स, यूनिसेक्स स्टाइल, माइलेज और सुविधाओं के लिहाज से लगातार हुए बदलावों की वजह से संभव हुई है। अब अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्कूटरों की संख्या तेजी से बढ़ने के साथ ही होंडा को भरोसा है कि एक्टिवा भारत की पहली पसंद बना रहेगा।
स्कूटर सेगमेंट को रफ्तार देते हुए होंडा ने 2001 में 102सीसी का क्रांतिकारी ऑटोमैटिक स्कूटर एक्टिवा को पेश किया था। पहले ही साल में उसकी 55,000 वाहन की बिक्री हुई थी और अगले तीन साल में एक्टिवा स्कूटर सेगमेंट की लीडर के तौर पर सामने आई थी। साल 2005 के दिसंबर तक एक्टिवा की कुल बिक्री का आंकड़ा 10 लाख के पार पहुंच गया था।