चंडीगढ़। हरियाणा के गुरूग्राम में अब तक के लगे महाजाम को लेकर राजनीतिक पार्टियों के जाम टकराने लगे हैं। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने रविवार को बकायदा चण्डीगढ़ के एमएलए हॉस्टल में पत्रकारवार्ता करके गुरूग्राम के महाजाम को सरकार की सबसे बड़ी असफलता करार दे डाला।
उन्होंने कहा कि गुरूग्राम में जाम की स्थिति से निपटा जा सकता था, लेकिन खट्टर सरकार व स्थानीय प्रशासन में तालमेल के अभाव के कारण प्रदेश को इस संकट का सामना करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय टीम ने राज्य सरकार के मैनेजमेंट की पोल खोल दी है। टीम की रिपोर्ट में कहा गया है कि बादशाहपुर और नजफगढ़ ड्रेन की पिछले दो साल से सफाई ही नहीं हुई है। अगर डी-सिल्टिंग होती तो यह हालात ही नहीं बनते। आखिर सफाई करवाने की जिम्मेदारी किसकी थी।
इसी तरह सरकार कह रही है कि नजफगढ़ ड्रेन के 2 गेट नहीं खुले थे। इसकी जिम्मेदारी भी हरियाणा और दिल्ली सरकारें एक-दूसरे पर डाल रही हैं। जबकि बरसात के पूर्व ही दोनों राज्यों के अधिकारियों में तालमेल बिठाकर नहर की सफाई और गेटों का खुलना सुनिश्चित किया जाना चाहिए था। उन्होंने दावा किया कि गुड़गांव में निर्माण कार्यों को उन्होंने जहां छोड़ा था, दो साल बाद भी जस के तस हैं।
खट्टर सरकार पर मानसून सत्र के पहले जमकर भड़ास निकालते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने कहा कि हाल ही में दो राज्यमंत्रियों को नॉन परफॉरमेंस के आधार पर हटा दिया गया। लेकिन परफॉरमेंस तो पूरी सरकार की ही खराब है, फिर तो पूरी सरकार को ही बदलना चाहिए था।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नाम पर किसानों के साथ जबरदस्ती की जा रही है। सरकार प्राइवेट बीमा कंपनियों के लिए एजेंट के तौर पर काम कर रही हैं।
कांग्रेस छोड़ने के ऐलान के बाद सोनिया गांधी को इस्तीफा भेजने वाले पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव के आरोपों पर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि वे उन्हें कभी गंभीरता से नहीं लेते। न ही वे व्यक्तिगत बातों को जवाब देते हैं।
कैप्टन ने आरोप लगाए हैं, तो वे ही उसका जवाब दे सकते हैं। एक सवाल के जवाब में हुड्डा ने कहा कि वे न तो प्रदेशाध्यक्ष हैं और न ही सीएलपी लीडर। वे तो साधारण रूप से कांग्रेस के सिपाही हैं, इसलिए पार्टी को जेब में रखने जैसी बात हो ही नहीं सकती।