शाहरुख खान और अमिताभ बच्चन जैसे कई बड़े-बड़े सितारों के साथ काम करने वाली दीपिका आज ख़ुद एक बड़ी स्टार बन चुकी हैं
साल 2008 की फ़िल्म ‘ओम शांति ओम’ से हिन्दी सिनेमा मे कदम रखने वाली दीपिका की पहली फ़िल्म शाहरुख के साथ नहीं बल्कि हिमेश रेशमिया के साथ हो सकती थी
दीपिका हिमेश रेशमिया के साथ फ़िल्म करने का मन बना चुकी थीं लेकिन फ़राह ख़ान के कहने पर उन्होंने फ़िल्म ‘ओम शांति ओम’ का इंतज़ार किया
‘विसलिंग वुडस’ के छात्रों से मुखातिब हुई फ़राह ने बातचीत के दौरान बताया, “मैंने दीपिका से कहा कि अगर तुम स्क्रीन टेस्ट में पास हो गई तो मैं तुम्हें शाहरुख के साथ रोल दूंगी नहीं तो मैं तुम्हें सेकेण्ड लीड दूंगी. दीपिका इसके लिए राज़ी हो गई थीं.”दीपिका में मॉर्डन हेमा मालिनी जैसी खूबियां देखने वाली फ़राह मानती हैं कि उनके लिए सबसे मुश्किल था उनकी भाषा बदलना
उन्होंने बताया, “दीपिका की भाषा कन्नड़ है, साथ ही उनकी आवाज़ भी काफ़ी अजीब थी. बहुत मुश्किल से हमने उनकी आवाज़ से मिलती आवाज़ खोजी और ‘ओम शांति ओम’ में डबिंग कराई. लेकिन आज जिस तरह से उन्होनें अपनी भाषा को सुधारा मैं बहुत खुश हूँ. भाषा को सुधारना आसान काम नहीं होता.”
शाहरुख के साथ अपना पहला रोमांटिक सीन देते हुए काँप जाने वाली दीपिका को सेट पर एक दिन फ़राह की वज़ह से रोना भी पड़ा था
फ़राह बताती हैं, “वो अपनी हिंदी क्लास मिस कर रही थीं जिसे लेकर मैंने उन्हें डांटा और वो रो पड़ी जिससे उनका मेकअप गंदा हो गया, फिर से मेकअप करने में उन्हें फिर से 4 घंटे लगे और मुझे 4 घंटे इंतजार करना पड़ा. मैंने उस दिन सीख लिया कि हीरोइनों को कभी मत डांटो नहीं तो आपको इंतजार करना होगा
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