अजमेर। सीबीएसई स्कूलों में असेस्मेंट एग्जाम शुरू होने वाले हैं। इसके साथ ही बच्चों पर पढ़ाई को लेकर प्रेशर बन रहा हैं। ऐसे में पढ़ाई की टेन्शन को कम करने और अच्छे नंबर लाने के लिए बच्चे तरह तरह के तरीके अपना रहे हैं।
हालांकि त्योहारी सीजन होने के कारण बच्चों की पढ़ाई पर इसका असर पढ़ सकता हैं लेकिन स्कूलों की तरफ से भी बच्चों के लिए हर संभव कोशिश की जा रही हैं ताकि वे परीक्षा पर फोकस कर सकें।
सीबीएससी की तरफ से लिए जाने वाले असेस्मेंट एग्जाम इसी माह से शुरू हो रहे हैं। स्कूलों में तकरीबर 50 प्रतिशत कोर्स पूरा हो चुका हैं। एस ए 1 में इतना ही कोर्स आएगा, बाकि का बचा हुआ कोर्स एस ए 2 में आएगा।
अगर इन एग्जाम में कोई बच्चा फेल हो जाता हैं तो उसका रिटेस्ट लिया जाता हैं ताकि उसका सेशन खराब न हो। इस एग्जाम के 30 प्रतिशत अंक फाइनल एग्जाम में जोड़े जाते हैं। इस कारण अच्छे नंबर लाने का बच्चों पर अधिक प्रेशर होता हैं।
बच्चों का तनाव कम करने और बेहतर परिणाम लाने के लिए स्कूलों में एक्स्ट्रा क्लासेस और डाउट क्लीयर करने के लिए अलग से समय दिया जा रहा हैं। बच्चों को प्रेक्टिस के लिए एक्स्ट्रा सेशन, स्टेशनरी क्वेश्चन पेपर दिए जा रहे हैं।
वहीं सभी विषयों को नंबर स्कोरर मानकर बच्चे घर पर 5 से 6 घंटे पढ़ाई कर रहे हैं ताकि अच्छे नंबर ला सकें। छुट्टी वाले दिन पढ़ाई के घंटे 8 से 9 हो जाते हैं। विशेषज्ञों का मानना हैं कि एग्जाम के समय बच्चों को जितना हो सके रिविजन करना चाहिए ताकि विषय में मजबूत हो सकें।
त्योहारों का पड़ता हैं असर
सीबीएसई स्कूलों में असेस्मेंट एग्जाम 13 सितंबर से शुरू होने जा रहे हैं जो माह के अंत तक चलेंगे। इस समय त्योहार होने से बच्चों को पढऩे का पर्याप्त मौका नही मिल पाता। पढऩे का समय नहीं मिल पाने से उन पर बोझ बढ़ता हैं। जिसका असर परिणाम पर पड़ता हैं। स्कूलों में एक्स्ट्रा क्लासेस लगाकर बच्चों के प्रेशर को कम करने की कोशिश की जा रही हैं।