कानपुर। दीपावली पर लक्ष्मी और गणेश पूजा का विशेष महत्व है इसलिए पूजा घर की सजावट पर विशेष ध्यान दें।
एक तरफ कलश-स्थापना करें। इसके लिए कलश को सजाएं। गेंदे के फूलों की लडि़यां बनाकर दरवाजे के दोनों ओर व भीतर लगाएं। लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति या तस्वीर के नीचे लाल कपड़ा बिछाएं।
घर पर ही बंदनवार तैयार करें। आम के ताजा पत्तों और गेंदे के फूलों को धागे में पिरोकर बंदनवार बनाएं। आम के पत्तों से बने बंदनवार पारम्परिक रूप से शुभ होते हैं। ध्यान रखें कि जब भी बंदनवार बनाएं, उस पर शुभ-लाभ अवश्य लिखें। आचार्य राकेश चन्द्र मिश्रा ने बताया कि विधि विधान से पूजा करने पर घर में सुख-समृद्धि आती है।
क्या है पूजा करने की सही दिशा
घर का उत्तरी हिस्सा धन संपत्ति का द्वार होता है। दिवाली पूजन घर के उत्तरी हिस्से में करें। गणेश जी की प्रतिमा को महालक्ष्मी की मूर्ति के बाएं तरफ जबकि मां सरस्वती को दाहिनी तरफ रखें।
सामान्यतः पूर्वाभिमुख होकर अर्चना करना ही श्रेष्ठ स्थिति है। इसमें देव प्रतिमा (यदि हो तो) का मुख और दृष्टि पश्चिम दिशा की ओर होती है। इस प्रकार की गई उपासना हमारे भीतर ज्ञान, क्षमता, सामर्थय और योग्यता प्रकट करती है, जिससे हम अपने लक्ष्य की तलाश करके उसे आसानी से हासिल कर लेते हैं।
विशिष्ट उपासनाओं में पश्चिमाभिमुख रहकर पूजन करें। इसमें हमारा मुख पश्चिम की ओर होता है और देव प्रतिमा की दृष्टि और मुख पूर्व दिशा की ओर होती है। यह उपासना पद्धति सामान्यतरू पदार्थ प्राप्ति या कामना पूर्ति के लिए अधिक प्रयुक्त होती है।