हैदराबाद। आंध्रप्रदेश की राजधानी स्थित एक अस्पताल में डाक्टरों ने एक अजन्मे बच्चे का माता के भ्रूण में दिल का ऑपरेशन (फीटल हर्ट प्रॉसिडयोर) किया है। दावा किया जा रहा है कि भारत में इस तरह का यह पहला ऑपरेशन है।…
केयर अस्पताल के मुख्य ह्वदय रोग विशेषज्ञ (शिशु) डॉ.के.नागेश्वर राव के नेतृत्व में आठ चिकित्सकों के दल ने 27 सप्ताह की गर्भवस्था वाले शिशु का ऑपरेशन किया।
जांच के दौरान पता चला था कि 25 वर्षीय शिरिशा के गर्भ में पल रहे बच्चे के महाधमनी वॉल्व (एओरटिक वॉल्व) में रूकावट है, जिसके क ारण बायां निलय (लेफ्ट वेंट्रिकिल) शरीर को रक्त पंप करने में असमर्थ था। मिटरल वॉल्व में भी क्षति की बात सामने आई, साथ ही दिल का बायां चैंबर सिकुड़ गया था।
ढाई घंटे तक चले इस ऑपरेशन को 30 सदस्यीय चिकित्सकीय दल ने एक आयातित सूई से अंजाम दिया। जब गर्भ 26 सप्ताह का था, तब इस ऑपरेशन में चिकित्सकों को विफलता मिली थी, क्योंकि पेट में बच्चे की स्थिति प्रतिकूल थी। उपयुक्त बैलून तथा वायर के माध्यम से महाधमनी वॉल्व को चौड़ा किया गया।
डाक्टरों ने दावा किया है कि शिशु लगभग सामान्य है। राव ने कहा कि 99 फीसदी रूकावट को कम कर हमने उसे 60 फीसदी पर ला दिया है, जो बाएं निलय के सामान्य विकास के लिए पर्याप्त है। अगर दूसरे बैलून डाइलेशन की जरूरत पड़ती है, तो उसे बच्चे के जन्म के बाद किया जाएगा।