नई दिल्ली। मुलायम सिंह ने कहा है कि मैं अभी भी समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष हूं। उन्होंने कहा कि रामगोपाल तो छह साल के पार्टी से बर्खास्त किए गए थे, वह अधिवेशन नहीं बुला सकते। इसलिए 1 जनवरी को बुलाया गया अधिवेशन फर्जी था क्योंकि रामगोपाल को अधिवेशन बुलाने का हक नहीं है।
शिवपाल यादव अभी भी एसपी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष हूं और अखिलेश यादव सिर्फ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद शिवपाल यादव ने कहा कि नेताजी मुलायम सिंह यादव का जो भी आदेश होगा उसे हम मानेंगे। मैं जो भी हूं, नेताजी की वजह से हूं। इसलिए हर स्थिति-परिस्थिति में हम नेताजी के साथ हैं।
अखिलेश गुट ही असली सपा, मुलायम को नहीं मिलेंगे प्रत्याशी: राम गोपाल
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) में मचे घमासान के बीच प्रो.रामगोपाल यादव ने एक बार फिर दावा किया है कि अखिलेश गुट ही असली सपा है और नाम से लेकर सिम्बल पर उसका हक बनता है। उन्होंने विधानसभा चुनाव में इस खेमे की सौ फीसदी जीत का दावा किया, वहीं मुलायम गुट को लेकर कहा है कि उन्हें उम्मीदवार भी नहीं मिलेंगे।
रामगोपाल ने रविवार को कहा कि चुनाव आयोग ने उनसे कहा था कि वह अपने हर समर्थक का अलग-अलग हलफनामा पेश करें। इसलिए उन्होंने 229 विधायकों में से 205 एमएलए, 68 विधान परिषद सदस्यों में से 56 एमएलसी, 24 सांसदों में से 15 एमपी, 45 राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्यों में से 30 और 4400 प्रधिनिमण्डलों के अलग-अलग ऐफिडेविट पेश किए।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने इन सभी की एक कॉपी उसे देने से पहले मुलायम सिंह यादव को भी देने के लिए कहा था। इसीलिए इस पूरी प्रक्रिया के कारण कल हलफनामा जमा करने में उन्हें देरी हुई। रामगोपाल ने मुलायम यादव की ओर से अधिवेशन को अंसवैधानिक बताने पर कहा कि पार्टी में डेमोक्रेसी के आधार पर फैसले होते हैं।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और निर्वाचन आयोग पहले भी बहुमत के आधार पर हुए फैसलों को सही ठहरा चुके हैं। अगर आयोग चाहेगा तो एक घण्टे में सभी को सामने खड़ा कर दिया जायेगा।
कानपुर में कमल के सिंबल पर चुनाव लड़ने को तैयार मुस्लिम राजनेता
कानपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीति सबका साथ व सबका विकास से शहर के मुस्लिम मतदाताओं पर खासा प्रभाव डाल रहा है। जिसके चलते आगामी विधानसभा चुनाव में यहां से कई राजनेता कमल के सिंबल पर चुनाव लड़ विरोधियों को पटखनी देने को तैयार हैं। भारतीय जनता पार्टी ने कानपुर में मुस्लिम प्रत्याशियों को मैदान पर उतारने से सदैव परहेज किया है।
हालांकि अब बदले हालात में पार्टी की तरफ अनायास यह समुदाय जुड़ रहा है। सबका साथ व सबका विकास के साथ तीन तलाक के मामले पर केन्द्र सरकार की स्पष्ट नीति से इस समाज का बुद्धिजीवी वर्ग अपना व समाज में बदलाव की ओर बढ़ रहा है। जिसके चलते पहली बार शहर में भाजपा उन क्षेत्रों में सदस्यता अभियान में रसीद काटने में सफल रही जहां पर कांग्रेस सपा व बसपा अपना एकाधिकार समझती रही।
इसी के तहत अब विधानसभा चुनाव फतह करने के लिए कई मुस्लिम राजनेता भी कमल के सिंबल पर चुनाव लड़ने को बेताब हैं। तीन तलाक में पर्सनल बोर्ड के विरोध में आई सपा विधायक गजारा लारी की भाभी सोफिया अहमद ने केन्द्र सरकार के इस फैसले की जमकर सराहना की और पार्टी की सदस्यता भी ले ली। सोफिया का कहना है कि मुस्लिम समाज को कांग्रेस, सपा व बसपा ने ऐसा भय दिखाया है कि लोग भाजपा से दूरियां बना ली, लेकिन अब पार्टी की स्पष्ट नीतियों से लोग बराबर जुड रहें है।
जब उनसे पूछा गया कि अगर पार्टी मौका देती है तो चुनाव लड़ेगी तो कहा कि मैं अभी पार्टी की कार्यकर्ता हॅूं बहुत से नेता है जो कंबल से चुनाव लड़ने को तैयार है हां अगर पार्टी मुझ पर विश्वास करती है तो चुनाव लड़ने से परहेज नहीं है। टिकट पर कंजूसी बाबूपुरवा निवासी समाजसेवी शमीम ने बताया कि छावनी विधानसभा 1967 में बनी थी जो मुस्लिम बहुल है। यहां से भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी जीतते आए हैं लेकिन भाजपा ने यहां पर कभी मुस्लिम प्रत्याशी नहीं उतारा।
देश के पीएम 125 करोड़ की बात करते हैं जिससे अब उम्मीद है कि इस बार कमल के सिंबल पर मुस्लिम प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे। किदवई नगर निवासी भाजपा कार्यकर्ता तनवीर हैदर ने बताया कि 16वीं विधानाभा में टिकट की दावेदारी की थी लेकिन नहीं मिल सका लेकिन अब उम्मीद है कि टिकट मिल सकता है। अतीक को दे सकते हैं पटखनी जाजमऊ निवासी तबरेज मिर्जा ने बताया कि वह तीन साल से भाजपा के लिए जमीन पर काम कर रहे हैं।
भाजपा हाईकमान से टिकट के लिए कहा है। अगर कैंट से हमें भाजपा सपा के बाहुबली अतीक के खिलाफ टिकट दे तो हम उन्हें आराम से पटखनी दे सकते हैं। 18 फीसदी मतदाता नवाबगंज निवासी जमाल ने बताया कि वह पांच वक्त के नमाजी हैं और गंगा की सफाई भी सप्ताह में एक बार करने जाते हैं। पीएम की परिवर्तन रैली में बढ़-चढ़कर भाग लिया और जनपद की 18 फीसदी मुस्लिम आबादी में धीरे-धीरे बदलाव आ रहा है।
जमाल के मुताबिक मुस्लिम समुदाय को पीएम से बहुत उम्मीदें हैं, हमारा समुदाय भी शिक्षा व विकास परक राजनीति में आना चाहता है। राजनेताओ के बोल भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र मैथानी ने कहा कि भाजपा ने कभी जाति धर्म के नाम पर राजनीति नहीं की। टिकट उसी को दिया जाता है जो जीत दिला सके। सपा जिलाध्यक्ष फजल महमूद ने कहा कि हमारे नेता मुलायम सिंह यादव सभी समुदाय को बराबर का हक देते आ रहे हैं और 2017 के चुनाव में भी मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट दिया गया है।
बसपा जिलाध्यक्ष प्रशान्त दोहरे ने कहा कि बहन जी ने कानपुर से दो मुस्लिम चेहरे उतारे हैं। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष हरप्रकाश अग्निहोत्री ने कहा कि कांग्रेस का इतिहास रहा है कि हमने कभी धर्म जाति को देखकर टिकट नहीं दिए लेकिन किसी समुदाय की अनदेखी भी नहीं की।