मुंबई। टेलीविजन और फिल्मों की दुनिया में अपने प्रदर्शन से समीक्षकों की वाहवाही लूट चुकी नीना गुप्ता का कहना है कि कुछ रोल को छोड़कर उन्हें उस तरह के किरदार निभाने को नहीं मिले जिसे वह बड़े पर्दे पर करना चाहती थी।
‘गांधी’, ‘मंडी’, और ‘वो छोकरी’ जैसी फिल्मोंं में नीना गुप्ता काम कर चुकीं हैं। 1994 में आई फिल्म ‘वो छोकरी’ के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या इसको लेकर उन्हें कोई पछतावा है कि उन्हें जिस तरह की उम्मीद थी उस तरह के रोल उन्हें बड़े पर्दे पर निभाने को नहीं मिले जिसपर नीना ने बताया, हां बहुत सारी चीजों का पछतावा है।
मैं यह समझ गई हूं कि यह सिर्फ मेरे वजह से नहीं हुआ है बल्कि यह इस माध्यम का मामला है जहां आपकी प्रतिभा के अलावा भी अन्य चीजों की जरूरत होती है।
उन्होंने कहा कि एक बार मैंने एक बहुत ही अच्छी फिल्म को ना कह दिया क्योंकि उसकी कहानी पर मुझे विश्वास नहीं था। लेकिन मैंने अगर उस व्यक्ति के साथ काम किया होता तो चीजें बिल्कुल अलग होती।
बहुत सारे अभिनेताओं ने ऐसा किया है कि लोग फिल्मों को मना कर देते हैं और बाद में चल के वह फिल्म हिट हो जाती है।
अपनी हालिया रिलीज लघु फिल्म ‘खुजली’ के साथ इस अभिनेत्री ने अब दूसरी बार डिजिटल जगत में दस्तक दी है।