लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखनऊ आगरा-एक्सप्रेस वे पर मंगलवार को आसमान से 17 विमानों ने जमीन को छुआ। इस नजारे को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग एकत्रित हुए थे। इस अभ्यास के मौके पर एक्सप्रेस वे की आवाजाही को रोक दिया गया था। कई दिनों से इसकी तैयारियां चल रही थीं।
अभ्यास के दौरान सबसे पहले हिंडन एयरबेस से उड़कर मालवाहक हरकुलिस विमान उतरा, जिसमें से गरुड़ कमांडो उतरे और उन्होंने अपने सुरक्षा चक्र से पूरी घेराबंदी कर दी। इसके बाद तीन सुखोई विमान जमीन के छूते हुए निकले। इस करतब को देख वहां के लोगों ने दांतों तले उंगुलियां दबा ली।
इसके बाद मिराज ने ग्वालियर बेस तो जगुआर ने गोरखपुर बेस से उड़ान भरी थी। सुखोई-30 ने बरेली से उड़ान भरी। ग्वालियर से मिराज ने उड़ान भरी। सभी बारी-बारी से जमीन को छूते हुए असमान की ओर तेजी से उड़ गए।
15 दिनों से चल रहा था अभ्यास
वायुसेना के इस अभ्यास को करने से पहले पायलटों ने बड़ी मेहनत की है। इसके लिए कड़ा अभ्यास किया गया था। लड़ाकू विमान सुपरसोनिक सुखोई एसयू-30, जगुआर और मिराज जब आगरा एक्सप्रेस-वे पर उतरे तो उनकी गति 260 किलोमीटर प्रति घंटा थी।
एक्सप्रेस-वे का पांच किलोमीटर का हिस्सा विमानों के छूने और उड़ान भरने के लिए लिया गया है, लेकिन केवल तीन किलोमीटर एक्सप्रेस-वे का इस्तेमाल किया गया। तेज गति से विमान तीन सौ मीटर के पैच पर ही उतरे। इस दौरान चार सेकेंड के लिए जमीन को छुआ।
रक्षा मंत्रालय की पीआरओ गार्गी मलिक ने बताया कि यह कोई एअर शो नहीं है। यह एअरफोर्स का एक बड़ा अभ्यास है। उन्होंने बताया कि इससे पहले 21 नवंबर को लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन के मौके पर मिराज और सुखोई फाइटर विमान ने यहां टचडाउन किया था। इस अभ्यास का संयोजन बीकेटी एयरफोर्स के ग्रुप कप्तान जे सुआरस ने किया।
सबसे पहली बार यूपी में हुआ अभ्यास
मध्य एयर कमान मुख्यालय के सीनियर एयर स्टाफ एयर मार्शल एएस बुटोला ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि युद्ध के दौरान सुरक्षा के लिहाज से वायुसेना स्टेशनों को बंद करने की स्थिति में वैकल्पिक तौर पर एक्सप्रेस-वे पर बनीं एयर स्ट्रिपों का इस्तेमाल किया जाता है। इसी कारण से नोएडा से आगरा तक बने यमुना एक्सप्रेस-वे पर देश की पहली एयर स्ट्रिप बनाई गई थी, जहां जगुआर उतारा गया था।
उन्होंने बताया कि जब एक्सप्रेस-वे बन रहा था, तभी वायुसेना के अनुरोध पर चार किलोमीटर का पैच रनवे की तरह ही तकनीकी तौर पर मजबूत और सॉलिड बनाया गया था। जंग के दौरान सबसे पहले हवाई हमले एयरबेस और एयरपोर्ट पर ही किए जाते हैं, ताकि फाइटर प्लेन उड़ान न भर सकें। इस कारण से यह एयर स्ट्रिप को विमानों को उतारने में प्रयोग किया जा सकता है।
मुंबई नागपुर भी इसी दिशा में बढ़ रहा आगे
बुटोला ने बातया कि अभी देश में सिर्फ यह अभ्यास करने की व्यवस्था सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही है। एक यमुना एक्सप्रेस वे दूसरा लखनऊ आगरा एक्सप्रेस वे जहां यह अभ्यास चल रहा है।ट्रान्सपोर्ट मिनिस्टर ने इस प्रकार के विशेष हाइवे बनाने का ऐलान तो किया है।
बताया जा रहा है कि नागपुर और मुंबई के बीच ऐसा हाइवे बनाया जा रहा है। जिस पर इस प्रकार के अभ्यास होंगे। उन्होंने कहा कि आगे चलकर जहां यह व्यवस्था होगी तो ऐसे अभ्यास किए जाएंगे।
अभ्यास खत्म होते ही शुरू हो गई श्रेय लेने की होड़
समाजवादी पार्टी के नेता अभ्यास खत्म होते ही बड़ी संख्या में पहुंच कर अखिलेश यादव के जयकारे लगाने लगे। कन्नौज के जिला पंचायत सदस्य नब्बे सिंह अपने दल बल के साथ वहां पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने अखिलेश सरकार की जमकर सराहना की। कहा अगर अखिलेश यादव ऐसी रोड न बनवाते तो शायद ही यह अभ्यास संभव हो पाता। योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस कार्यक्रम हम लोगों को पूछा तक नहीं। यह ठीक नहीं है। इस अवसर पर यूपीडा के सीईओ अवनीश अवस्थी समेत तमाम अधिकारी उपस्थित रहे।