सिडनी। आस्ट्रेलिया के पूर्व टेस्ट अंपायर डैरेल हेयर ने कहा है कि दब्बू अम्पायरों ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में चकर्स गेंदबाजों को बढ़ावा दिया और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने चकर्स पर कार्रवाई करने में 20 साल का विलंब कर दिया।…
अपने साहसिक फैसलों के लिए मशहूर रहे अम्पायर हेयर ने श्रीलंका के महान आफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन पर 1995 में मेलबेर्न क्रिकेट ग्राउंड पर टेस्ट के दौरान चकिंग का आरोप लगाया था।
उन्होंने कहा कि आईसीसी को उसी समय उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए थी। मुरलीधरन पर गलत गेंदबाजी एक्शन के लिए आस्ट्रेलिया के हीरास एमर्सन ने एडीलेड में वर्ष 1999 में आरोप लगाया था लेकिन बाद में बायोमैकेनिकल परीक्षण के बाद आईसीसी ने उनके एक्शन को ही सही ठहरा दिया था।
वहीं गेंदबाजी करते समय अपनी कोहनी को निर्धारित 15 डिग्री से अधिक मोड़ने के कारण आईसीसी द्वारा निलंबित किए गए पाकिस्तान के आफ स्पिनर सईद अजमल के बारे में हेयर ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि उन्हें इतने लंबे समय तक गेंदबाजी कैसे करने दी गई जबकि वह गेंदबाजी के दौरान अपने हाथ को 45 डिग्री से भी अधिक मोड़ते थे।
उन्होंने कहा कि मुरलीधरन पर कार्रवाई के बाद एमर्सन के साथ जिस तरह का व्यवहार किया गया उससे अन्य अंपायर भी गलत एक्शन के खिलाफ रिपोर्ट करने से कतराते रहे।
एमर्सन को उस मैच के बाद अम्पायरिंग से हटना पड़ा था और वह फिर कभी अंतरराष्ट्रीय मैच में अम्पायरिंग नहीं कर पाए। हेयर ने कहा कि आईसीसी द्वारा चकर्स पर जो कार्रवाई अब की जारही है उसकी शुरूआत करीब 20 साल पहले ही कर दी जानी चाहिए थी।