दुबई। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद द्वारा बनाई गई क्रिकेट समिति की सिफारिशें मान ली जाती हैं तो अंतर्राष्ट्रीय स्तर के सभी टी-20 मैचों में निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) का इस्तेमाल किया जा सकता है।
आईसीसी की क्रिकेट समिति की दो दिवसीय बैठक गुरुवार को समाप्त हुई जिसमें समिति ने खेल में कुछ बदलावों को लेकर अपने सुझाव दिए हैं। इस क्रिकेट समिति के अध्यक्ष भारतीय टीम के मुख्य कोच अनिल कुंबले हैं।
कुंबले की अध्यक्षता वाली समिति अपनी सिफारिशें आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को भेजेगी।
सभी टी-20 मैचों में डीआरएस के अलावा पगबाधा की अपील पर लिए गए रिव्यू में अगर मैदानी अंपायर के फैसले को बरकरार रखा जाता है तो रिव्यू लेने वाली टीम का रिव्यू खत्म न हो, इसकी भी सिफारिश समिति ने की है।
इसके बाद मार्लेबोर्न क्रिकेट क्लब द्वारा बनाए गए खेल के नए नियमों में ज्यादातर को कुंबले की समिति ने अपनी मंजूरी दे दी है। अगर आईसीसी उन्हें मान लेता है तो यह नियम एक अक्टूबर से लागू होंगे।
एमसीसी द्वारा बनाए गए नियमों में खिलाड़ी के बुरे व्यवहार पर अंपायर को उसे मैदान से बाहर भेजने का हक, बल्ले की लंबाई-चौड़ाई की सीमा तय करना और रन आउट का नया नियम शामिल है।
रन आउट के मौजूदा नियम में बदलाव की सिफारिश करते हुए एमसीसी ने कहा था कि अगर बल्लेबाज का बल्ला एक बार क्रिज के अंदर आ जाए और फिर हवा में रहे, ऐसी स्थिति में उसे रन आउट न दिया जाए।
समिति के अध्यक्ष कुंबले ने कहा, “हमारे बीते दो दिन काफी अच्छे रहे। हमने क्रिकेट के कई मुद्दों पर अच्छी बातचीत की। जिसमें पहला क्रिकेट की मौजूदा अंतर्राष्ट्रीय संरचना का था। इसके बाद दूसरा मुद्दा एमसीसी द्वारा बनाए गए नए नियमों का था। हमने उन नियमों में से ज्यादतर नियमों को मंजूरी दे दी है जिसमें बल्ले की लंबाई और चौड़ाई का निमय शामिल है।”
कुंबले ने कहा कि डीआरएस पर एमआईटी ने अपनी जांच पूरी कर ली है और उनकी सिफरिशों को समिति ने मंजूर कर लिया है।
कुंबले के अलावा इस समिति में क्लारे कोननर , राहुल द्रविड़, एडरिएन गिरिफिट्स, महेला जयावर्धने, डेविड केंडिक्स, रिचर्ड केटलब्रो, डैरेन लैहमन, रंजन मदुगले, टिम मे, केविन ओ ब्रायन, शॉन पोलक, जॉन स्टीफेनसन, एंड्रयू स्ट्रास, डेविड व्हाइट हैं।