दुबई। अंतराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद वर्तमान दौर के क्रिकेट में बल्ले और गेंद के बीच बिगड़ते संतुलन को रोकने के लिए बल्ले के आकार की सीमा तय करने पर विचार कर रहा है।
आईसीसी प्रमुख डेविड रिचर्डसन ने कहा कि मौजूदा दौर में जिस प्रकार के बल्ले उपयोग में लाए जा रहे हैं, इससे यह खेल बल्लेबाजों के ज्यादा अनुरूप हो गया है और नियम बनाने वाली समिति इसमें कुछ बदलाव करने पर विचार कर सकती है। मौजूदा नियम के अनुसार बल्ले की अधिकतम चौड़ाई 4.25 इंच जबकि लंबाई 38 इंच होनी चाहिए।
रिचर्डसन ने कहा कि ऎसा लगता है कि खेल का संतुलन बल्लेबाजों की ओर ज्यादा झुक गया है, क्योंकि कई बार बेहद खराब या गलती से लगाए गए शॉट पर भी गेंद सीमा रेखा के बाहर चली जाती है। पिछले साल जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ सालों में बल्ले की लंबाई और चौड़ाई तो वही है लेकिन बल्ले के ब्लेड की मोटाई में बढ़ोतरी हुई है।
क्रिकेट के नियमों पर काम करने वाली मेलबर्न क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने पिछले साल अपनी रिपोर्ट में पाया था कि पिछले कुछ सालों में बल्ले की मोटाई में 22 मिलीमीटर तक की बढ़ोतरी हुई है। साथ ही बल्ले की सतह पर मौजूद “स्वीट स्पॉट” पहले से ढाई गुना ज्यादा बड़ा हो गया है।
इस रिपोर्ट के बावजूद हालांकि एमसीसी की विश्व क्रिकेट समिति की 14 सदस्यीय दल ने बल्ले के आकार पर कोई रोक लगाने से इंकार किया था। इस दल में स्टीव वॉ और राहुल द्रविड जैसे दिग्गद शामिल थे।
रिचर्डसन के अनुसार अभी इस असंतुलन के प्रभाव को थोड़ा कम करने के लिए फिलहाल सीमा रेखा को बढ़ाया जाएगा। रिचर्डसन ने कहा कि आप देखेंगे कि विश्व कप के लिए खासकर आस्ट्रेलिया के कुछ मैदानों का आकार बढ़ा कर कम से कम 90 गज किया जाएगा।