सबगुरु न्यूज-सिरोही। इडावा भूमि विवाद में ज्ञापनबाजी का दौरा रुका नहीं है। इस भूमि पर अपना पुश्तैनी कब्जा बताने वाले पदमाराम माली परिवार की ओर से मुख्यमंत्री के नाम एडीएम जवाहर चौधरी को सौंपे गए ज्ञापन में इस परिवार ने दावा किया है कि इस भूमि पर अपना हक जताने वाली पंच महाजनान जैसी कोई संस्थान नहीं है।
ज्ञापन में बताया गया कि इडावा मैदान के खसरा संख्या 2707 के 1.09 हैक्टेयर भूमि पर उनका पुश्तैनी कब्जा है। इस भूमि पर पंच महाजनान का कोई काश्तकारी नहीं थी और न ही पंच महाजनान का कोई अस्तित्व है। इन्होंने आरोप लगाया कि यह भूमि अब भी पंच महाजनान के नाम से दर्ज है, जबकि पट्टे की कार्रवाई के लिए जैन श्वेताम्बर संघ पेढ़ी ने आवेदन किया है।
इसमें आरोप लगाया कि अव्वल तो तत्कालीन सिरोही नगर पालिका को इसका पट्टा जारी करने और भू-उपयोग परिवर्तन करने का अधिकार ही नहीं था। क्योंकि यह भूमि राजस्व रेकर्ड में अभी भी पंच महाजनान के नाम से ही दर्ज है। ऐसे में तत्कालीन नगर पालिका को इसका भू-राजस्व अधिनियम की धारा 90-बी के तहत संपरिवर्तन का अधिकार नहीं था। इसमें बताया कि क्योंकि इस भूमि का नामांतरण पंच महाजनान के नाम से है तो पट्टा और भू-उपयोग परिवर्तन की कार्रवाई जैन श्वेताम्बर मूर्ति पूजक संघ पेढ़ी के नाम से किस आधार पर किया गया है।
ज्ञापन में यह भी लिखा गया है कि अक्टूबर, 2016 में सहायक जिलाधीश कोर्ट में पेशी के दौरान भी पंच महाजनान के नोटिस सचिव जैन श्वेताम्बर संघ द्वारा तामिल करना बताकर तहसीलदार ने रिपोर्ट की थी, जिसे भी न्यायालय ने पंच महाजनान को नोटिस तामिल मानने से इनकार कर दिया। इसे नोटिस को पंच महाजनान को ही तामिल करवाने या संस्थान नहीं होने पर अदम तामील मानते हुए पुन: रिपोर्ट देने को लिखा है। इन लोगों ने मुख्यमंत्री से इस करोड़ों की संपत्ति के विवाद की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की है।