नई दिल्ली। कांग्रेस अपनी इस मांग पर बुधवार को अड़ी रही कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर की गई टिप्पणी के लिए हर हाल में माफी मांगनी होगी। मोदी ने मनमोहन सिंह पर ‘पाकिस्तान के साथ षड्यंत्र’ रचने का आरोप लगाया था। कांग्रेस की मांग है कि मोदी आरोपों को लेकर माफी मांगे या फिर सदन में आरोपों को साबित करें।
पार्टी ने सुझाव दिया कि मोदी इस बात को स्वीकार कर सकते हैं कि उनकी यह टिप्पणी एक राजनीतिक स्टंट थी और गुजरात चुनाव जीतने के लिए की गई थी और वह अब इसे वापस ले रहे हैं।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री ने वरिष्ठ नेताओं के साथ वरिष्ठ अधिकारियों, मनमोहन सिंह और पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी व पूर्व सेना प्रमुख दीपक कपूर के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे।
आजाद ने कहा कि यह कोई सामान्य आरोप नहीं है। मनमोहन सिंह राज्यसभा के सम्मानित सदस्य हैं। अगर प्रधानमंत्री सार्वजनिक रूप से कह रहे हैं कि मनमोहन जी पाकिस्तान के साथ मिलकर षड्यंत्र कर रहे हैं तो यह एक गंभीर आरोप है। कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर यह सच है तो प्रधानमंत्री को आरोप साबित करने चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमारी उनके साथ कोई निजी लड़ाई नहीं है। अगर प्रधानमंत्री को माफी मांगना मुश्किल लग रहा है, तो उन्हें संसद में आना चाहिए और कहना चाहिए कि भाजपा गुजरात में हार रही थी, इसलिए यह एक राजनीतिक स्टंट था। यह कांग्रेस को राष्ट्र विरोधी साबित करने की साजिश थी।
आजाद ने कहा कि उन्हें संसद में आना चाहिए और कहना चाहिए कि उनका काम हो गया है और वह अपनी टिप्पणी वापस ले रहे हैं। हम इसे स्वीकार कर लेंगे। अगर यह सच है तो उन्हें हमें सजा देनी चाहिए। हम इसके लिए तैयार हैं।
आजाद ने कहा कि हम प्रधानमंत्री का सम्मान करते हैं। हम उनके प्रति अपमान नहीं दिखाना चाहते हैं। यह कोई निजी लड़ाई नहीं है। यह उनकी जिम्मेदारी है कि वह जनता के सामने जो कुछ भी कहते हैं, उसे संसद में आकर कहने का साहस करें।
नेता ने कहा कि उन्होंने अध्यक्ष को सूचित किया था कि यह बिल्कुल गलत है। उन्होंने कहा कि जब एक सदस्य संसद में नहीं होता है, और मनमोहनजी एक सौम्य व्यक्ति हैं, तो यह एक गलत मिसाल पेश करता है। हम प्रधानमंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का कोई प्रस्ताव नहीं चाहते। इसलिए एक नरम तरीका अपना रहे हैं।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री ने मनमोहन सिंह का अपमान करने का प्रयास किया था। हम चाहते हैं कि उन्हें संसद में आना चाहिए या इस बात का स्पष्टीकरण देना चाहिए कि इस तरह के आरोपों का क्या कारण है।
उन्होंने कहा कि यदि उनके (मोदी) पास सबूत हैं तो उन्हें प्राथमिकी दर्ज करानी चाहिए और उन लोगों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। उन्होंने मनमोहन सिंह की देशभक्ति पर सवाल उठाए हैं।
खड़गे ने कहा कि हम चाहते हैं कि संसद में इसका खुलासा होना चाहिए और उन्हें इस बारे में संसद में बात करनी चाहिए। अगर उनके पास सबूत हैं तो उन्हें इसे संसद में रखने चाहिए, क्योंकि उन्होंने (मोदी) राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का खुलासा करने का वादा किया था।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के पास एक संवैधानिक दर्जा है। वह संस्थानों का अपमान नहीं कर सकते। जब तक वह स्पष्टीकरण नहीं देते तब तक हम नहीं रुकेंगे। खड़गे ने कहा कि शून्यकाल के दौरान हमारी सांसद रंजीता रंजन को भी सवाल पूछने की इजाजत नहीं दी गई। उनसे सवाल बदलने के लिए कहा गया।