लखनऊ। विधानसभा चुनाव में करारी हार मिलने के बाद अब समाजवादी पार्टी में फिर से उठापटक शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश में पार्टी की हार से काफी व्यथित हैं। माना जा रहा है कि वे पार्टी की कमान छीनकर अपने हाथ में ले सकते हैं।
उत्तर प्रदेश में पार्टी की हार से व्यथित समाजवादी पार्टी के संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने कहा है कि यदि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं किया होता, तो राज्य में फिर सपा की ही सरकार बनती।
होली के लिए सैफई पहुंचे मुलायम सिंह यादव ने कहा कि हार के लिए कोई ज़िम्मेदार नहीं है। उन्होंने मीडिया से कहा कि हम पहले ही गठबंधन के विरोध में थे और सबके सामने कहा था कि इससे कोई फायदा नहीं होगा। इसलिए गठबंधन का प्रचार भी नहीं किया। सपा को अपने बूते अकेले चुनाव लड़ना चाहिए था।
मुलायम सिंह यादव ने कहा कि हमारे लोग समझ नहीं पाए कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को कोई पसंद नहीं करता। गठबंधन करने की क्या ज़रूरत है। मुलायम ने अपने छोटे भाई शिवपाल यादव के इस बयान पर सहमति भी जताई कि गठबंधन के घमंड के कारण हार हुई।
मुलायम ने कहा कि हमने बड़ी मेहनत से पार्टी बनाई। सबने मिलकर संघर्ष किया। हमने 2012 में बेटे को सत्ता सौंपी थी, लेकिन अब यह भारतीय जनता पार्टी की विचित्र जीत है और समाजवादी पार्टी की विचित्र हार है।
अपने छोटे पुत्र प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव की लखनऊ कैंट सीट से हार पर मुलायम सिंह यादव ने कहा कि लखनऊ कैंट की सीट बेकार थी। वहां यादव वोटर बहुत कम हैं चलो, कोई बात नहीं, उसे अनुभव मिल गया।