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सबगुरु न्यूज़: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) का कहना है कि स्वीमिंग पूल से आने वाली जिस गंध को लोग क्लोरीन की गंध समझते हैं, अक्सर वह विभिन्न रसायनों की गंध होती है,(VIDEO: 10 ऐसे बॉलीवुड एक्टर जो कभी थे बैकग्रॉउंड आर्टिस्ट) जो क्लोरीन में मूत्र, मल, पसीना और धूल मिलने से उत्पन्न होते हैं।
आईएमए के अनुसार, पूल में नहाने के बाद यदि आपकी आंखों में लालिमा और जलन महसूस हो तो यह क्लोरीन की वजह से नहीं, बल्कि मूत्र की वजह से हो सकती है।(VIDEO: लड़की को घर से निकाला बाहर फिर भी बनी IAS अफसर) इससे रासायनिक एलर्जी भी हो सकती है।
आईएमए के अध्यक्ष डॉ. के. के. अग्रवाल ने कहा, “क्लोरीन जब मूत्र के संपर्क में आती है तो अमोनिया तैयार होता है, जिसे क्लोरामाइन कहते हैं।(VIDEO: सैमसंग गैलेक्सी S9 बेहतर फीचर के साथ) इसकी एक खास गंध होती है और यह श्वसन संबंधी समस्याओं के अलावा आंखों में संक्रमण भी पैदा कर सकता है।”
उन्होंने कहा, “डायरिया से पीड़ित लोग क्लोरीन का असर खत्म करने वाले एक परजीवी- क्रिप्टोस्पोरिडियम को भी पानी में फैला सकते हैं,(VIDEO: जंगल में लड़का और लड़की करते मिले ये शर्मनाक काम) जो नियमित रूप से पूल में नहाने वालों में जलजनित रोगों का कारण बनता है। पूल में डायरिया के लिए जिम्मेदार कुछ जीवाणु भी हो सकते हैं, जो वहां कुछ मिनट से लेकर कई दिनों तक जीवित रहते हैं।”
नहाने के बाद इन बातों का रखें ध्यान
डॉ. अग्रवाल ने कहा, “एक बार प्रदूषित होने के बाद पूल के इस पानी को यदि किसी ने थोड़ा सा भी निगल लिया तो उसे संक्रमण हो सकता है। (VIDEO: लड़की की मिली लाश सीधा करके पता चला अनमैरिड प्रेग्नेंट है लड़की)मूत्र में मौजूद नाइट्रोजन युक्त रसायनों को निष्क्रिय करने के लिए पूल में और अधिक क्लोरीन डालने की जरूरत हो सकती है।”
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