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जैसलमेर/जयपुर। राजस्थान के पोकरण फायरिंग रेंज में शुक्रवार शाम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में आयोजित सैन्य अभ्यास आयरन फिस्ट-2016 में दिन एवं रात में भारतीय वायु सेना ने अपने युद्ध कौशल एवं आग्नेय शक्ति का प्रदर्शन किया।
चीफ आफ स्टाफ समिति के अध्यक्ष और वायुसेनाध्यक्ष एयर चीफ मार्शल अरूप राहा ने अपने स्वागत उद्बोधन में इस सैन्य अभ्यास तथा भारतीय वायु सेना में आधुनिकीकरण के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि इस सैन्य अभ्यास का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रहित की रक्षा के प्रति हमारा उत्तरदायित्व एवं सामथ्र्य से देश को आश्वस्त करना है। वायुसेनाध्यक्ष ने कहा कि अनेक बाधाओं के बावजूद भारतीय वायु सेना आधुनिकीकरण एवं रूपांतरण के पथ पर आगे बढ़ते हुए चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक ऊंचे दर्जे के सामरिक सामथ्र्य को निरंतर कायम रख रही है।
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छह सोपानों में समाहित इस आयोजन में सामरिकी के छह मूल विषयों को प्रदर्शित किया गया जिसमें युद्धक एवं परिवहन विमानों तथा हैलीकाप्टरों सहित 180 से अधिक हवाई जहाजों ने भाग लिया।
इस सोपान में पुराने विमानों से लेकर हाल ही में भारतीय वायुसेना में शामिल आधुनिक विमानों ने एक साथ उड़ान भरते हुए भारतीय वायुसेना की 8 दशकों की ऐतिहासिक यात्रा को प्रदर्शित किया।
फ्लाई पास्ट का आरंभ मिग-27 विमान द्वारा अभ्यास आयरन फिस्ट 2016 के बैनर को लहराते हुए उड़ान के साथ हुआ, जिसके बाद सुपरसोनिक मिग 29 ने ध्वनि की गति से तेज उड़ान का प्रदर्शन किया। भारतीय वायुसेना के वास्तविक समय में टोही क्षमता का प्रदर्शन जगुआर विमान ने किया।
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विंटेज विमान टाईगरमोथ की उड़ान ने भारत में सैन्य उड्डयन के आरंभ की स्मृतियों को ताजा कर दिया, जिसके पश्चात् भारतीय वायु सेना के अत्याधुनिक प्रषिक्षण विमान पिलाट्स ने भी उड़ान भरी।
मिश्रित फार्मेशन में उड़ान भरते हुए मिग-21 बाइसन, मिग-28 अपग्रेड, मिग-29 तथा शक्तिशाली सुखोई-30 ने विगत दशकों में हुए भारतीय वायु सेना के रूपांतरण को एक साथ प्रदर्शित किया। सैन्य अभ्यास के इस सोपान में स्वदेशी वायु वाहित पूर्व चेतावनी एवं नियंत्रण प्रणाली और अवाक्स विमान का आलीषान प्रदर्शन किया गया।
इसके पश्चात मिराज 2000, सु 30, मिग 27 अपग्रेड तथा जगुआर विमानों ने सिन्कोनाईज़्ड मल्टीपल एयरक्राफ्ट वेपन डिलीवरी का प्रदर्शन करते हुए विभिन्न प्रतीक रूप लक्ष्यों पर एक ही समय में अनेक अस्त्रों के प्रहार का जीवंत प्रदर्षन किया। आक्रामक क्षमताओं के प्रदर्शन के पश्चात् इस सैन्य अभ्यास में भारतीय वायु सेना के बहुस्तरीय वायु रक्षा आपरेशन का प्रदर्शन किया गया।
इसके अंतर्गत उड़ान के दौरान ईंधन भरने वाले विमान ‘आई एन-78- द्वारा दो सू-30 विमानों को उड़ान के दौरान ईंधन भरते प्रदर्शित किया गया। साथ ही स्वदेश में बने हल्के युद्धक विमान ‘तेजस’ ने अपनी स्विंग सेल आक्रमण भूमिका में लेसर निर्देशित बम तथा वायु से वायु में वार करने वाली मिसाईल से अत्यंत परिशुद्धता के साथ दोनों लक्ष्यों पर अचूक प्रहार क्षमता को प्रदर्शित किया।
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इसी चरण में जमीन से आकाश में वार करने वाली मिसाईल जैसे कि कंधे पर रखकर दागी जाने वाली इगला मिसाइल प्रणाली तथा ओएसए- ए के मिसाइल द्वारा आकाश में मौजूद लक्ष्य पर सफलता के साथ प्रहार किया।
भारतीय वायु सेना के बहुउद्देशीय हेलीकाप्टर मी-35, मी-25 तथा मी-17 वी5 द्वारा सामरिक खोज एवं बचाव आपरेशन का शानदार प्रदर्शन किया गया।सैन्य अभ्यास के इस चरण में भारतीय वायु सेना द्वारा भू-सैन्य बलों को दी जाने वाली सहायता के अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका का प्रदर्शन किया गया।
भारतीय वायु सेना की विविध प्रकार के विमानों द्वारा परिकल्पित दुश्मनों की जमीन पर प्रतीकात्मक सामरिक संपत्ति को नष्ट करने की कार्रवाई का जीवंत प्रदर्शन किया गया।
लड़ाकू विमानों के अतिरिक्त बहुमुखी क्षमता वाले विमान सी-130 जे की प्रहार की लैंडिंग का तथा मी-17 वी5 हेलीकाप्टर की अग्निशमन क्षमता का प्रदर्शन भी सैन्य अभ्यास के इस चरण में किया गया।लाईव हथियारों के प्रदर्शन के पश्चात् सारंग, सूर्यकिरण तथा सू-30 एरोबेटिक दलों ने हैरतअंगेज हवाई करतब करते हुए इस आयोजन की संध्या में चार चांद लगा दिया। एयरवारियर्स ड्रिल टीम के प्रदर्शन तथा वायु सेना सिम्फनी आर्केस्ट्रा की संगीत ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस अभ्यास में 22 से ज्यादा प्रकार के प्लेटफार्मों तथा हथियार प्रणालियों का प्रदर्शन किया गया। अग्रिम पंक्ति के विमान सुखोई-30, मिराज-2000, जगुआर, मिग-29, विभिन्न हेलीकाप्टरों, रिमोटली पायलेटेड विमान तथा उच्च तकनीक से युक्त अवाक्स विमानों ने अपने सामथ्र्य तथा शक्ति का प्रदर्शन इस अभ्यास के दौरान किया।
स्वदेशी हल्का युद्धक विमान ‘तेजस’ भी इस अभ्यास का हिस्सा रहा। जहां एक तरफ ए एन-32, एम्बेयर, आई एल-76, आई एल-78 तथा सी-130 जे ने अपनी सर्वोच्च क्षमता का प्रदर्षन करते हुए इस अभ्यास में भाग लिया।
वहीं दूसरी ओर आक्रमण हेलीकाप्टरों मी-25 तथा मी-35 ने अपने रोटरी मोटर विंग की क्षमताओं का लोहा मनवाया। अन्य गणमान्य व्यक्तियों में भारत के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, थल सेनाध्यक्ष एवं नौसेनाध्यक्ष भी इस सैन्य अभ्यास में उपस्थित थे।