नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने एडवांस कोर्स के लिए आईआईटी-संयुक्त प्रवेश परीक्षा में बैठने वाले छात्रों को अतिरिक्त सात अंक दिए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर शुक्रवार को केंद्र से जवाब मांगा। ये अतिरिक्त अंक हिंदी भाषा के प्रश्न-पत्र में प्रिंटिंग गड़बड़ी के लिए दिए गए थे।
इस मामले में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को नोटिस जारी करते हुए सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अवकाश पीठ ने शुक्रवार से शुरू हुई काउंसलिंग में दखल देने से इनकार कर दिया।
शीर्ष अदालत ने इस मामले में आईआईटी-मद्रास को भी नोटिस जारी किया, जिसने 2017 के लिए परीक्षा का आयोजन किया था।
छात्रों के तरफ अदालत में पेश वरिष्ठ वकील सुषमा सूरी ने न्यायालय से अनुरोध किया कि वह इस तरह का निर्देश दे कि सभी दाखिले अदालत में दायर याचिक पर अंतिम फैसले के अनुरूप होंगे।
यह याचिका उन छात्रों ने दायर की है, जिनके नतीजों पर सभी छात्रों को सात अतिरिक्त अंक दिए जाने से प्रतिकूल असर पड़ सकता है। मामले की अगली सुनवाई सात जुलाई को होगी।
परीक्षा में बैठने वाले सभी अत्यर्थियों को सात अंक दिए गए। इनमें से तीन अंक रसायन विज्ञान के लिए और चार अंक गणित के लिए दिए गए।