नई दिल्ली। आयकर विभाग ने देशभर के पेट्रोल पंपों के नोटबंदी के दौरान और उसके बाद के वित्तीय व्यवहार की जांच शुरु कर दी है।
वैसे अधिकारिक तौर पर विभाग इस पर कुछ भी कहने से बच रहा है। लेकिन ये जरुर माना है कि नोटबंदी के दौरान पेट्रोल पंपों को सप्लाई पेट्रोल, डीजल की संबंधित विभाग से जानकारी लेकर उसका पेट्रोल पंप मालिकों के बैंक खातों में जमा की रकम से मिलान किया जा रहा है।
आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक नोटबंदी के दौरान पेट्रोल पंपों पर पुराने करेंसी नोटों को लेने की छूट दी गई थी। आयकर विभाग को शक है कि पेट्रोल पंप मालिकों द्वारा बड़े पैमाने पर हेराफेरी की गई। इसीलिए पेट्रोल पंपों को मिले ईंधन और उससे कमाई का मिलान किया जा रहा है।
बताते चले कि 8 नवंबर, 2016 को सरकार ने 500 रुपए और 1000 रुपए के नोट की कानूनी मान्यता खत्म करने का एलान किया था। लेकिन मेडिकल स्टोर, पेट्रोल पंप जैसे कुछ स्थानों पर इन नोटों को चलन में रखने की अनुमति दी थी।
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