हैदराबाद। यासीन भटकल को एनआईए की कोर्ट ने हैरदाबाद के दिलसुखनगर में हुए दोहरे बम विस्फोट कांड में मंगलवार को दोषी करार दिया है।
एनआईए की कोर्ट ने अपने फैसले में यासीन भटकल के साथ इंडियन मुजाहिद्दीन के चार और आतंकियों को दोषी पाया है। दोषियों के खिलाफ सजा का ऐलान 19 दिसम्बर को किया जाएगा।
विदित हो कि 21 फरवरी, 2013 को हुए विस्फोट के छह महीने बाद यासीन भटकल और असदुल्ला अख्तर को बिहार में नेपाल के नजदीक से गिरफ्तार किया गया। इसके बाद एनआईएन ने तीन अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया।
एनआईए ने इन पांचों आरोपियों के खिलाफ दो आरोप पत्र दाखिल किए थे। एनआईए ने सेक्शन 18 ऑफ़ अनलॉफुलएक्टिविटीज (प्रिवेंशन ) एक्ट 1967, सेक्शन 120B, सेक्शन 302, 307, 324, 326, 316, 121-122, 474 और 476 के तहत इन पर मामले दर्ज किए थे।
यहीं नहीं, एनआईए ने 158 गवाह, 201 साक्ष्य साम्रगी और 500 से ज्यादा दस्तावेज अदालत के समक्ष प्रस्तुत भी किए।
सबूतों और तथ्यों के मद्देनज़र चेरापल्ली केंद्रीय जेल में स्थित एनआईए की अदालत में इस मामले पर बहस सात नवंबर को पूरी कर 21 नवंबर तक अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
फिलहाल ये पांच आरोपी आईएम का सहसंस्थापक यासीन भटकल, पाकिस्तानी नागरिक जिया उर रहमान उर्फ वकास, असदुल्लाह अख्तर उर्फ हड्डी, तहसीन अख्तर उर्फ मोनू और ऐजाज शेख फिलहाल चेरापल्ली जेल में बंद हैं।
बतादें कि शहर के भीड़भरे इलाके दिलसुखनगर में 21 फरवरी, 2013 को कोंणार्क और वेनकताद्री थियेटरों के निकट दो जबर्दस्त विस्फोट धमाके हुए थे जिसमें 18 लोगों की मौत हो गई थी और 131 अन्य घायल हो गए थे।
आतंकियों ने विस्फोटक को दो अलग साइकिलों में रखा हुआ था। कहा जाता है की देश में ऐसा पहली बार हुआ है, जब इंडियन मुजाहिद्दीन के किसी आतंकी को किसी भी मामले में दोषी पाया गया है।