इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने कहा कि वह आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के ‘सबसे बड़े समर्थक’ हैं और संगठन संस्थापक एवं 2008 मुंबई हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद उन्हें पसंद है।
मुशर्रफ ने पाकिस्तान के एआरवाई न्यूज से कहा मिक मैं एलईटी का सबसे बड़ा समर्थक हूं और मैं यह जानता हूं कि वे भी मुझे पसंद करते हैं और जेयूडी (जमात-उद-दावा) भी मुझे पसंद करता है। जेयूडी का गठन सईद ने एलईटी के धर्मार्थ संगठन के रूप में किया था और अमरीका व संयुक्त राष्ट्र ने इसे आतंकी समूह के रूप में घोषित किया हुआ है।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह सईद को पसंद करते हैं, मुशर्रफ ने कहा कि हां, वह उसे पसंद करते हैं और उससे मिल भी चुके हैं। सईद पर अमेरिका ने दस लाख डालर के इनाम का ऐलान किया हुआ है।
यह स्वीकार करते हुए कि जम्मू एवं कश्मीर को भारत से मुक्त कराने के लिए जेयूडी और एलईटी ‘जिहाद’ का इस्तेमाल कर रहे है, मुशर्रफ ने कहा कि हां, वह कश्मीर मामले में शामिल हैं और मैं उनका समर्थन करता हूं। मुशर्रफ ने साक्षात्कार में कहा कि उन्होंने कश्मीर में ‘एक्शन’ का हमेशा समर्थन किया है।
मुशर्रफ ने कहा कि मैं हमेशा से कश्मीर में कार्रवाई करने (एक्शन) और भारतीय सेना को दबाने के पक्ष में रहा हूं। वे (एलईटी) सबसे बड़ी ताकत हैं, भारत ने अमरीका के साथ साझेदारी करके उन्हें आतंकवादी संगठन घोषित करवाया है।
मुशर्रफ ने मुंबई हमलों में एलईटी के शामिल होने की खबरों को खंडन करते हुए कहा कि मैं नहीं समझता हूं कि 26/11 हमले के पीछे सईद का हाथ था। पाकिस्तान में हम उन्हें आतंकवादी नहीं कहते।
सईद को उसके घर में नजरबंद किया गया था लेकिन करीब छह महीने बाद ही उसे रिहा कर दिया गया। अमरीका ने इसका विरोध करते हुए सईद को फिर से तुरंत गिरफ्तार करने के लिए कहा। मुशर्रफ ने कहा कि पिछले हफ्ते सईद की रिहाई के बाद वाशिंगटन द्वारा जारी किया गया बयान पाकिस्तान की संप्रभुता का अपमान है।
मुशर्रफ ने कहा कि कृपया हमें निर्देश ना दें..यह हमें तय करना है कि किस पर विश्वास करना है और किसे दंड देना है।
मुशर्रफ ने कहा कि पाकिस्तान में लोकतंत्र खतरे में नहीं है लेकिन इसे देश की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमें तंत्र में संशोधन की जरूरत है। हमें राजनीतिक पुनर्गठन, चुनाव सुधार और शासन की हर शाखा के बीच संतुलन की जरूरत है।
मुशर्रफ ने 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को उनके पद से हटाया था। वह अभी दुबई में निर्वासन में रह रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या के मामले में आतंकवाद विरोधी न्यायालय ने उन्हें फरार घोषित किया हुआ है।