जयपुर। प्रदेशभर में दस रूपए के सिक्के को लेकर एक अजीब संशय बना हुआ है। ऑटो चालकों से लेकर दुकानदार तक कोई भी अपने ग्राहक से दस रूपए का सिक्का लेने को तैयार नहीं है। यंहा तक कि दस रूपए का नोट न होने की स्थिति में कई ग्राहकों को तो सामान तक छोडऩा पड़ता है।
इस बारे में बताया गया है कि बार बार पांच और दस के नकली सिक्कों की खबरों ने लोगों का दस रूपए के सिक्के से विश्वास उठ गया है।
एक दुकानदार ने बताया कि उसके पास प्रति दिन हजार रूपए के दस रूपए वाले सिक्कों का लेनदेन होता था परन्तु दस का सिक्का नकली होने की खबरें आने के बाद उसने दस का सिक्का लेना बंद कर दिया।
दस के सिक्के को लेकर फैली भ्रांतियों के चलते ग्राहकों की परेशानी बढ़ चली है। दस रूपए के सिक्के से ज्यादा प्रभावित रेहड़ी-ठेली लगाने वाले हुए हैं, जो रेहड़ी पर सब्जियां बेचते हैं। सब्जी लेनेवाले ग्राहकों की नीयत रहती है कि उनको एक या दो दस रूपए का सिक्का अवश्य दें।
अब हालत यह हो चली है कि रेहड़ी पर सब्जी बेचने वाले अपने ग्राहकों से बोलने लगे हैं कि वें दस रूपए का सिक्का नहीे लेंगे। कई बार तो ग्राहक को दस रूपए के सिक्के के चक्कर में सब्जी छोडऩी पड़ जाती है।
बाजारी धारा के अनुसार सिक्के और खुले पैसे देना महिला ग्राहकों की अधिक प्रवृति होती है। अब दस और पांच रूपए का सिक्का दुकानदारों द्वारा न लिए जाने का सीधा असर महिला ग्रहकी पर पड़ रहा है। हालांकि बैंकों की ओर से हाल ही में कहा गया है कि दस के सिक्के के नकली या जाली होने का कोई मामला सामने नहीं आया है।