सिरोही। जिला प्रशासन के आपदा प्रबंधन को फेल होने का गुस्सा गुरुवार को प्रभारी मंत्री को झेलना पडा।
बारिश कम होने पर भी जिस तरह से आपदा प्रबंधन की फेल्योर देखने को मिला उससे रावल समाज के लोगों ने कालका तालाब के निरीक्षण के बाद लौट रहे प्रभारी मंत्री ओटाराम देवासी को घेर लिया। उन्होंने बुधवार शाम को झोब नाले में बहकर लापता हुए युवक को चौबीस घंटे बाद भी नहीं ढूंढ पाने को लेकर प्रभारी मंत्री के सामने जिला प्रशासन के आपदा प्रबंधन की पोल खोली। प्रभारी मंत्री भी लाजवाब रहे। पांच दिन बाद जिले की सुध लेने की सोचकर गुरुवार को प्रभारी मंत्री सिरोही पहुंचे तो सबसे पहले उस स्थान पर गए जहां से युवक बहे थे। इसके बाद उन्होंने कालका तालाब पर जाकर ओवरफ्लो की बदहाल स्थिति देखी। इसके बाद सर्किट हाउस जाने केा निकले तो उन्हें रावल समाज के लोगों ने घेर लिया।
नाव वो भी मछली पालक की
पांच दिन बाद जिले की सुध लेने पहुंचे प्रभारी मंत्री ने जब प्रशासनिक अधिकारी से पूछा तो वह व्यवस्था बताने लगे। उन्होंने बताया कि रस्सी है, नाव है। लेकिन यह नहीं बताया कि यह नाव भी जिला प्रशासन की बजाय मछली पालक की है। ढंग के तैराक तक नहीं हैं. हाँ ये जरूर बता दिया कि पानी के बहाव में लापता युवक को ढूँढने के लिए क्या लम्बे चौड़े प्रयास किये जा रहे हैं
माउण्ट में लोग बेहाल
माउण्ट आबू में उपखण्ड अधिकारी वहां के बदहाल हो चुके रास्तों को दुरुस्त करवाने के साथ आबूरोड की भी जिम्मेदारी बखूबी संभाले हुए हैं, लेकिन आवष्यक वस्तुओं को लेकर वहां जो स्थिति बनी हुई है उससे यही लगता हे कि जिले का बैकअप सपोर्ट नहंी मिल रहा है। बुधवार को माउण्ट आबू का एक तरफ का रास्ता खुल गया था। इसके बावजूद जिला प्रषासन बैकअप देकर वहां पर दूध, सब्जी आदि जैसी आवष्यक वस्तुओं की व्यवस्था नहंी करवा पाया। इससे गुरुवार को वहां पर आधा लीटर दूध पचास से सौ रुपये तक में मिली है। कायदे से रसद विभाग को सबसे पहले वहां की रसद व्यवस्था को बहाल करके उपखण्ड अधिकारी, को बैकअप देना चाहिए, ताकि रास्ता ख्ुालते ही सबसे पहले आवष्यक सामग्री समुचित मात्रा में वहां पहुंच सके।