सूरत। सूरत के आयकर विभाग ने महिधरपुरा के दो ज्वैलर्स के यहां की जांच की कार्रवाई में सारा मामला गोलमाल नजर आ रहा है।
आयकर विभाग दोनों ज्वैलर्स से उन्होंने बेचे हुए सोने के बिल की तलाश कर रहे हैं। अभी तक ज्वैलर्स कोई भी बिल नहीं दे पाए। इसलिए विभाग को इस मामले में मनी लांड्रिंग की आशंका भी लग रही हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार स्टेशन रोड की एक राष्ट्रीयकृत बैंक की शाखा एसआर ट्रेडर्स नाम की पेढी से 15 करोड़ रुपए आरटीजीएस किए गए हैं। इस जानकारी के आधार पर आयकर विभाग ने महिधरपुरा के एस.आर. ट्रेडर्स पर छापा मारा। वहां ऐसी कोई पेढी नहीं निकली। बैंक में गलत पता बताया गया था।
इसके बाद विभाग ने जिन दो पेढी कृति क्रिएशन और रजनी ज्वैलर्स पर छापा मारा। यहां पर छापा मारने के बाद शुरू में दोनों ज्वैलर्स ने सोना बेचे होने के अवेज में आरटीजीएस से रुपए मिले होने की बात कही। इसके बाद अधिकारियों ने उनसे नोटबंदी के बाद सोना बिक्री के बिल मांगे लेकिन वह नहीं दे सके। इसलिए विभाग को शक है कि यह मामला संदिग्ध है।
अधिक जांच करने पर पता चला कि दूसरी बार भी एस.आर ट्रेडर्स ने सूरत पीपल्स बैंक के निष्क्रीय अकाउंट से रजनी ज्वैलर्स के अकाउंट में फिर से रुपए आरटीजीएस किए लेकिन इसके भी बिल देने में ज्वैलर अभी तक असफल रहा। विभाग ने बैंक से मिली जानकारी के आधार पर इस मामले में दस्तावेज बनाने वाले अंकुर नाम के एक सीए के यहां भी जांच की और स्टेटमेन्ट लिया। उसने कुछ कमिशन के बदले में मदद करने की बात मानी।
इसके बाद एस.आर ट्रेडर्स के संचालकों की जांच में विभाग चौकस महर्षि नाम के शख्स तक पहुंची है। उसके साथ एस.रूपाणी भी भागीदार है। दोनों ने मिलकर यह फर्जीवाड़ा किया है। विभाग शक है कि इन्होंने कालेधन को सफेद किया है। अभी तक विभाग ने चौकस महर्षि से विभाग ने पूछताछ की है लेकिन एस.रूपाणी के विदेश चले जाने से जांच रुकी है।
रूपाणी और महर्षि ने ज्वैलर्स के साथ मिलकर बड़ी होशियारी से सोना खरीद के बहाने आरटीजीएस के माध्यम से रुपए घूमाए। चर्चा है कि इस पूरी घटना में सूरत पीपल्स कॉ.ऑपरेटिव बैंक के कुछ अधिकारियों पर आयकर विभाग को शक हैं। इसलिए उन्होंने कुछ पूछताछ भी है, लेकिन बैंक का कहना है कि उन्होंने सारे नियमों का पालन किया है।
आयकर विभाग ने इस पूरी घटना के बारे में एन्फॉर्समेन्ट विंग और सीबीआई को भी जानकारी भेजी है। आगामी दिनों में आयकर विभाग कुछ और ज्वैलर्स पर भी छापा मार सकता है और सीबीआई भी कार्रवाई कर सकती है।