अजमेर/जयपुर/उदयपुर/किशनगढ़/। खान विभाग के महाघूसकांड में निलम्बित खान सचिव अशोक सिंघवी की कॉल डिटेल में आर.के. ग्रुप के निदेशकों और सीए का नाम आने के बाद आयकर विभाग ने प्रदेश के सबसे बड़े और नामचीन मार्बल व्यवसायी आर.के. ग्रुप के प्रदेश भर में दो दर्जन से अधिक ठिकानों पर बुधवार को छापे की कार्रवाई शुरू की है। जिसमें करोड़ों की अघोषित आय और सम्पत्ति मिलने का अनुमान है।
उदयपुर में भी इस ग्रुप के चार स्थानों पर एक साथ कार्रवाई जारी है। निलंबित खान सचिव के कॉल डिटेल की जांच जब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने शुरू की तो उसमें मार्बल किंग आर.के. ग्रुप के निदेशकों और आर.के. ग्रुप के सीए की भी कॉल डिटेल मिली है।
एसीबीअधिकारियों ने इसकी जानकारी राज्य सरकार के साथ-साथ आयकर विभाग को भी दी। इसके बाद आयकर विभाग के कमिश्नर के नेतृत्व में बुधवार को प्रदेश के कई आयकर अधिकारियों और कर्मचारियों की दो दर्जन से अधिक टीमों के साथ आर.के. ग्रुप के 29 ठिकानों पर छापा मारा।
आयकर अधिकारियों ने आर.के. समूह के निदेशकों के अजमेर स्थित निवास पर कार्रवाई कर कई दस्तावेज जब्त किए हैं, वहीं उदयपुर में फतहपुरा स्थित आर.के. हाउस और वंडर हाउस के साथ-साथ बोहरागणेशजी में उनके ठिकानों पर कार्रवाई जारी है।
आयकर अधिकारियों ने बताया कि से बुधवार सुबह आरके मार्बल्स 29 ठिकानों पर कार्रवाई की है, इनमें जयपुर के पांच ठिकानों, किशनगढ़ के 10, उदयपुर के पांच, राजसमंद में एक ठिकाने के अलावा दिल्ली, आंध्र प्रदेश के ठिकाने भी शामिल है। जयपुर में ई-10 गोखले, मार्ग, गंगवाल मार्ग, लाल कोठी पर कार्रवाई की जा रही है। जहां से अनियमितताओं संबंधी कई दस्तावेज मिले हैं।
आरके मार्बल के मालिक सहित चार्टर्ड अकाउंटेंट और अधिकारियों के घर पर भी छापे मारे गए हैं। जिन ठिकानों पर यह कार्रवाई की जा रही है, वहां किसी को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है और ना ही कार्रवाई पूरी होने तक किसी को बाहर निकलने दिया जा रहा है। बताया कि गया यक कार्रवाई अभी दो दिन और चलेगी।
सोहराबुद्दीन एनकाउंटर से जुड़ा था नाम
आर.के. समूह का नाम पूर्व में कथित रूप से फर्जी सोहराबुद्दीन एनकाउंटर में भी आया था। जिसमें सीबीआई ने जांच की थी। जिसमें आर.के. समूह के अधिकारियों से पूछताछ भी की थी। हालांकि बाद में मामले में न्यायालय ने क्लीन चिट दे दी।
विदेशों में फैला है कारोबार
आर.के. समूह का कारोबार राजस्थान और मध्यप्रदेश तक ही सीमिति नहीं है। इस समूह का कारोबार विदेशों में भी फैला हुआ है। जहां से भी अच्छी खासी आय है। समूह के निदेशकों के दुनिया के कई देशों में आना जाना लगा रहता है।
राजनीतिक रसूख भी इस समूह का
यह समूह राजनीतिक रूप से भी दबदबा रखता है। किशनगढ़ सरकारी कॉलेज का नाम आरके मार्बल के मालिक के पिता कंवरलाल पाटनी के नाम पर वसुंधरा राजे सरकार ने बदल दिया था। इसके साथ ही प्रदेश के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया से भी इस समूह के अच्छे संबंध है।
इसलिए अहम है ये कार्रवाई
प्रदेशभर में इस कार्रवाई को इसलिए अहम माना जा रहा है क्योंकि खान आवंटन, खान घूसकांड सहित कई मामले हाल ही में गर्माए हुए है। विधानसभा तक में इन मामलों का इश्यू बना हुआ है। ऐसे में प्रदेश के एक बड़े खनन माफिया पर आयकर कार्रवाई को कई नजरिए से देखा जा रहा है।