बेंगलुरू। आयकर विभाग के अधिकारियों ने बुधवार को कर्नाटक के बिजली मंत्री डी.के. शिवकुमार के आवास और बेंगलुरू के बाहर एक निजी रिसॉर्ट पर छापेमारी कर 10 करोड़ रुपये नकदी जब्त किए। यह वही रिसॉर्ट है, जिसमें गुजरात से कांग्रेस के 44 विधायकों को ठहराया गया है।
आयकर अधिकारियों की तलाशी के बाद राजनीतिक भूचाल आ गया है। यह मामला संसद में गूंजा और कांग्रेस ने गड़बड़ी का आरोप लगाया।
आयकर के संयुक्त आयुक्त एस.रमेश ने बेंगलुरू में एक बयान में कहा कि हमारी राज्य जांच शाखा कर्नाटक के मंत्री (शिवकुमार) के आवास और ईगलटन रिसॉर्ट के जिस कमरे में वह रुके हैं, उसकी तलाशी ले रही है। इसी रिसॉर्ट में गुजरात से लाए गए विधायकों को ठहराया गया है।
उन्होंने कहा कि छापेमारी आयकर अधिनियम की धारा 132 के तहत की गई। यह छापेमारी बेंगलुरू व दिल्ली स्थित शिवकुमार के घरों पर की गई। अधिकारियों ने कहा कि शिवकुमार के सहयोगी और उनके चालक को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
आयकर अधिकारी ने कहा कि आयकर अधिकारियों ने दिल्ली व बेंगलुरू के 39 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी में 10 करोड़ रुपए से ज्यादा रकम जब्त किए गए हैं। अधिकारी ने कहा कि दिल्ली में लगभग 7.5 करोड़ रुपए तथा बेंगलुरू में 2.5 करोड़ रुपए जब्त किए गए।
बुधवार सुबह हुई इस कार्रवाई से संसद के दोनों सदनों में हंगामा हुआ। कांग्रेस ने कहा कि यह गुजरात के विधायकों को 8 अगस्त के राज्य सभा चुनावों से पहले दशहत में डालने का प्रयास है। गुजरात से कांग्रेस नेता अहमद पटेल राज्य सभा का चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस के छह विधायक पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने तलाशी के पीछे राजनीतिक उद्देश्य की बात से साफ इनकार किया और कहा कि इसका बेंगलुरू रिसॉर्ट में ठहरे कांग्रेस के विधायकों व गुजरात के घटना क्रम से कोई लेना-देना नहीं है।
उन्होंने कहा कि तलाशी एक व्यक्ति से जुड़ा है, जिसका स्पष्ट संदर्भ शिवकुमार से है। उन्होंने कहा कि कर अधिकारी रिसॉर्ट में इसलिए गए क्योंकि शिवकुमार वहां ठहरे हुए थे।
जेटली ने कहा कि आयकर अधिकारियों ने तलाशी के दौरान जब्त किए गए कुछ दस्तावेजों की जांच के लिए शिवकुमार को घर लाने के लिए गए। आयकर के संयुक्त आयुक्त ने कहा कि यह तलाशी पहले से चल रही जांच के क्रम में की गई है।
उन्होंने कहा कि तलाशी का समय पहले से तय किया गया था और इसका गुजरात के कांग्रेस विधायकों को कर्नाटक ले जाने से कोई लेना-देना नहीं है।
कांग्रेस ने 29 जुलाई को गुजरात के अपने 44 विधायकों को अहमदाबाद से कर्नाटक पहुंचाया और उन्हें बिदाडी के ईगलटन रिसॉर्ट में ठहराया। कांग्रेस ने यह कदम राज्य सभा चुनावों के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी से विधायकों से संपर्क नहीं करने देने के लिए किया।
यह रिसॉर्ट बेंगलुरु ग्रामीण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में है। यहां से कांग्रेस के डी.के. सुरेश विधायक हैं। यह शिवकुमार के छोटे भाई है।
कांग्रेस ने भाजपा की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार पर राजनीतिक बदले की कार्रवाई का आरोप लगाया है और राज्य सभा को दो बार स्थगित करने को बाध्य किया।
विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सरकारी एजेंसी का इस्तेमाल राज्य सभा चुनावों से पहले लोगों को डराने के लिए किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि देश में क्या हो रहा है। इस सदन को व साथ ही निर्वाचन आयोग को स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित कराना होगा। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने मामले को राज्य सभा में उठाया।
शर्मा ने कहा कि बीते कुछ दिनों से हम सत्ता के इस्तेमाल से राज्यों में चुनावों के अपहरण व पटरी से हटाने के प्रयास के अपनी चिंताओं को उठा रहे है। आज बुधवार को आईटी की छापेमारी कांग्रेस के मंत्री के रिसॉर्ट पर की गई, जहां गुजरात से लाए गए विधायक ठहरे हैं।
लोकसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्ष के नेताओं के खिलाफ कर रही है।
खड़गे ने आरोप लगाया कि गुजरात में तीन राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव है। कांग्रेस के पास 57 सदस्य है और चार दूसरे सदस्यों का समर्थन है, लेकिन भाजपा ने पांच सदस्यों को तोड़ दिया।
उन्होंने कहा कि अब वे हमारे गुजरात के विधायकों पर जो कर्नाटक में रिसॉर्ट में रुके हैं उन पर आईटी विभाग का इस्तेमाल कर रहे है। आयकर विभाग का इस्तेमाल उनको व साथ ही कर्नाटक के मंत्री को डराने के लिए हो रहा है।
आरोपों से इनकार करते हुए जेटली ने कहा कि जहां रिसॉर्ट में विधायक ठहरे हैं, वहां कोई तलाशी नहीं ली गई। किसी विधायक की तलाशी नहीं हुई। एक व्यक्ति विशेष की तलाशी की गई। वह रिसॉर्ट में रुके थे। रिसॉर्ट एक इम्यून क्षेत्र नहीं है।
शर्मा ने कहा कि छापे का समय विशेष था। जेटली ने कहा यह अधिकारियों का उपयोग या दरुपयोग है यह बरामदगी से पता चलेगा।