नई दिल्ली। भारत और फ्रांस के बीच राफेल लड़ाकू विमान से संबंधित सौदे पर सहमति बन गई है। समझौते के तहत फ्रांस भारत को 36 राफेल विमान देगा। इसके साथ ही दोनों देशों ने सौर ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा और पर्यावरण सहित कुल 14 समझौते पर हस्ताक्षर भी किए हैं।
गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में भारत आए फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के साथ सोमवार को यहां साझा बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विमान समझौते किए जाने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि आर्थिक पहलुओं को छोड़ दोनों देशों के बीच राफेल समझौते पर सहमति बन गई है।
राफेल के साथ ही सौर ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा और पर्यावरण को लेकर भी दोनों देशों के बीच समझौता हुआ है। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद के मुद्दे पर मिलजुल कर लड़ने पर भी संयुक्त प्रयासों को बढ़ावा देने की बात कही।
संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में फ्रांसीसी राष्ट्रपति ओलांद ने कहा कि पेरिस और पठानकोट हमले एक तरह से दोनों देशों को मिलजुल कर कार्य करने का संकेत दे रही है। आतंकवाद जैसी चुनौतियों का हल दोनों देशों को मिल-जुल कर निकालना होगा।
फ्रांसीसी राष्ट्रपति ओलांद ने राफेल विमान समझौते पर बनी सहमति सहित ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा और पर्यावरण तथा अंतरिक्ष क्षेत्र में हुई समझौते पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इससे भारत की सैन्य शक्ति में इजाफा होगा। साथ ही अतंरिक्ष समझौते से दोनों देश एक मिसाल कायम करेंगे।
उन्होंने कहा कि मार्स मिशन में दोनों देशों की अंतरिक्ष एजेंसियां मिलकर काम करेंगी। इस दौरान उन्होंने आतंकवाद के मुद्दे सहित खुफिया सूचनाएं साझा करने, समुद्री तस्करी और साइबर सुरक्षा के मामलों में भी आपस में सहयोग बढ़ाने पर ज़ोर दिया।
संयुक्त बयान के पहले फ्रांस के राष्ट्रपति ओलांद ने सोमवार सुबह यहां स्थित राजघाट पर महात्मा गांधी की समाधि पर जाकर राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि अर्पित की। वही विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात कर विभिन्न आयामों पर चर्चा की।
चर्चा में रक्षा, परमाणु सहयोग, अंतरिक्ष, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग के विषय शामिल रहे।