नई दिल्ली। भारत उन देशों में से एक है, जिसने ट्रांसजेंडर के लिए तीसरे जेंडर को मान्यता दी है और मिस ट्रांससेक्सुअल ऑस्ट्रलिया-2017 लेटिसिया फेलिसिया रवीना को लगता है कि अगर भारत में इस समुदाय के लिए इसी तरीके से सकारात्मक कदम उठाए गए, तो ये ट्रांसजेंडरों (किन्नरों) के लिए दुनिया का सर्वोत्तम स्थान बन जाएगा।
रवीना को पिछले हफ्ते ही गुरुग्राम में पहली मिस ट्रांसक्वीन का ताज पहनाया गया है। यह उत्तर भारत का उनका पहला दौरा है, इससे पहले वह देश के दक्षिण भाग का दौरा कर चुकी हैं।
रवीना ने बताया कि मैं कांचीपुरम, कन्याकुमारी और पांडिचेरी भी गई हूं। मेरा जन्म कुआलालंपुर में हुआ, लेकिन मेरे दादा-दादी मदुरई (तमिलनाडु) के रहने वाले थे। मैंने चेन्नई में कई बार मंदिरों की यात्राएं की है, क्योंकि मुझे मंदिरों से लगाव है।
जब भी रवीना भारतीय वीजा के लिए आवेदन करती हैं, उन्हें भारतीय विरासत पर गर्व होता है, क्योंकि इस देश ने जेंडर की एक नई परिभाषा इजाद की है। इस साल की शुरुआत में एक संसदीय पैनल ने ट्रांसजेंडर सुमदाय के लिए रोजगार और शिक्षा में आरक्षण का समर्थन किया है।
रवीना ने कहा कि भारत बहुत ही अच्छा काम कर रहा है। जब भी मैं वीजा के लिए आवेदन करती हूं तो मुझसे पूछा जाता है कि मैं पुरुष हूं, महिला हूं या फिर ट्रांसजेंडर। मुझे ऐसा लगता है कि भारत दूसरे देशों की तुलना में काफी आगे है।
रवीना ने आगे कहा कि अगर सर्जरी (सेक्स पुनर्गठन सर्जरी) को सरकार वित्तीय सहायता प्रदान करे तो लोग भारत की तरफ देखेंगे और कहेंगे कि भारत ट्रांसजेंडर के लिए सबसे सर्वोत्तम स्थान है।
ताज के लिए दौड़ रही 16 दूसरी ट्रांसजेंडर महिलाओं के बारे में बात करते हुए रवीना ने कहा कि हमने अपने संघर्ष के दिनों को साझा करते हुए पजामा पार्टी की। हालांकि वे सभी भारतीय थीं, कुछ मणिपुर से, कुछ चेन्नई और कुछ देश के दूसरे हिस्सों से आई थीं। हर राज्य में ट्रांस कल्चर दूसरे राज्य से भिन्न है और काफी मजेदार भी है। मुझे इससे काफी कुछ सीखने को मिला।”
पेस्ट्री शेफ अपनी जिंदगी में नई चीजें सीखने में विश्वास रखती हैं। उन्होंने कहा कि मैंने अपनी स्नातक की पढ़ाई फ्रांस से की है। मैं लोगों को दिखाना चाहती थी कि ट्रांस महिला भी वही चीजें कर सकती हैं, जो दूसरी करती हैं। उन्होंने आगे कहा कि मैं समुदाय के लिए प्रेरणास्रोत बनना चाहती हूं।
ऐसे समय में, जब अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सेना में ट्रांसजेंडर की भर्ती पर रोक लगाने के लिए आलोचना झेलने पड़ रही रही है, रवीना ने जोर देते हुए कहा कि उनके समुदाय के लोग किसी भी पेशे को अपना सकते हैं।
उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि ट्रांस महिलाएं कोई भी नौकरी कर सकती हैं। यह निर्भर करता है कि हमें समाज में किस तरह चित्रित होना है। लेकिन उसके लिए शिक्षा बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि सरकार की थोड़ी सी मदद से ये रास्ता और आगे जा सकता है।
उन्होंने कहा कि एक ट्रांस महिला बनना काफी महंगा है। इंग्लैंड में यह सर्जरी बिल्कुल मुफ्त है। वहां की सरकार इसके लिए पैसा देती है। उन्होंने आगे कहा कि सर्जरी होने के बाद आप एक नर्स या फिर कुछ भी बन सकते हो। इन सब के बावजूद वह खुश हैं कि चीजें ट्रांसजेंडर के लिए बदल रही हैं।
रवीना ने कहा कि जब आप बाहर निकलते हो तो आपके साथ भेदभाव होता है। लेकिन मैं एक सकरात्मक व्यक्ति हूं। इसलिए मुझे नाकरात्मक चीजों के बारे में ज्यादा याद नहीं है। अब जब मैं नई लड़कियों को देखती हूं कि उन्होंने कितनी तरक्की कर ली है, तो मैं उनसे प्रेरणा लेती हूं और अब मुझे और ज्यादा सकरात्मकता दिखाई देती है।
अपनी उम्र जाहिर न करने वाली रवीना का कहना है कि कौन अपनी उम्र का राज नहीं छुपाना चाहेगा? रवीना ने कहा कि पिछले तीन सालों में हॉलीवुड के सितारों के कारण दुनियाभर में ट्रांसजेंडर को स्वीकृति मिली है। उन्होंने कहा कि जेम्स बांड में अभिनय करने वाली कैरोलिन कोस्सी एक ट्रांसजेंडर हैं जो उनकी प्रेरणा हैं।