नई दिल्ली/बीजिंग। भारत और चीन द्वारा अपनी-अपनी सेनाएं हटाने को लेकर सहमति बनने के बाद भारत, भूटान और चीन के बीच तिहरी सीमा से लगे डोकलाम में दोनों देशों के बीच 75 दिनों से चल रहा सीमा विवाद सोमवार को खत्म हो गया।
चीन में अगले सप्ताह होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से ठीक पहले यह विवाद समाधान तक पहुंच गया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिस्सा ले सकते हैं। हालांकि भारत और चीन के बीच क्या समझौता हुआ है, अभी इसकी पूरी जानकारी नहीं स्पष्ट नहीं हुई है।
भारत ने जहां कहा है कि दोनों देशों के बीच अपनी-अपनी सेनाएं हटाने पर सहमति बन गई है, वहीं चीन ने कहा है कि भारतीय सेनाएं डोकलाम से हटी हैं और चीनी सेनाएं वहां गश्त जारी रखेंगी।
यह भी स्पष्ट नहीं हो सका है कि इलाके में चीन द्वारा सड़क निर्माण पर क्या समझौता हुआ है। उल्लेखनीय है कि 16 जून को इलाके में चीनी सेना द्वारा सड़क बनाए जाने को लेकर ही यह विवाद शुरू हुआ था।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने सोमवार की सुबह डोकलाम विवाद पर समझौते की घोषणा की, जिसके बाद चीनी विदेश मंत्रालय ने भी इसकी पुष्टि की।
विदेश मंत्रालय ने जारी बयान में कहा कि भारत और चीन बीते कई हफ्तों से डोकलाम विवाद पर कूटनीतिक स्तर पर बातचीत कर रहे थे। बातचीत के दौरान हम अपने विचारों को व्यक्त करने एवं अपनी चिंताओं और हितों को साझा करने में सक्षम हो सके।
बयान के मुताबिक इस आधार पर डोकलाम पर सेनाओं को हटाने पर सहमति बनी है, जो जारी है। भारतीय सेना के सूत्रों ने कहा कि सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है तथा चीन भी अपने जवान हटा रहा है।
डोकलाम के विवादित इलाके से भारतीय सैनिकों को हटाए जाने की प्रक्रिया सोमवार को दोपहर में शुरू की गई।
डोकलाम सीमा पर भारतीय सेना के 350 से 400 सैनिक तैनात हैं। भारत ने कहा था कि अगर चीन अपने सैनिक साथ-साथ नहीं हटाता है तो भारत भी अपने सैनिकों को वापस नहीं बुलाएगा।
वहीं बीजिंग में चीन के विदेश मंत्री ने कहा कि भारत द्वारा अपने सैनिकों को हटाए जाने से चीन खुश है, लेकिन चीन की सेनाएं क्षेत्र में बनी रहेंगी और क्षेत्र में अपनी संप्रभुता कायम रखेंगी।
चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन के सीमाबल डोंगलोंग में गश्त जारी रखेंगे। डोकलाम को चीन डोंगलोंग कहता है।
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि 28 अगस्त की दोपहर भारत ने डोकलाम की सीमा से अपनी सेनाएं और उपकरण हटा दिए। चीन के सुरक्षाकर्मियों ने इसकी पुष्टि की है।
चुनयिंग ने कहा कि चीन ऐतिहासिक समझौते के आधार पर अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखेगा। यह पूछे जाने पर कि क्या दोनों ओर से सेनाओं को हटाया गया है, हुआ ने उसी बयान को दोहराया।
चीन के विदेश मंत्रालय का यह बयान भारत द्वारा सोमवार को जारी उस बयान से बिल्कुल अलग है, जिसमें कहा गया था कि दोनों देशों के बीच डोकलाम से सेनाएं हटाने पर सहमति बनी है।
उन्होंने कहा कि अभी आपने कहा कि भारत ने सेनाएं हटाने पर सहमति बनने की बात कही है, लेकिन मैं जोर देकर कहना चाहूंगी कि भारत ने विवादित इलाके से अपने सभी सैनिक और सामग्रियां हटा लिए हैं। इलाके में मौजूद चीनी सैनिकों ने इसकी पुष्टि की है तथा चीनी सैनिकों ने डोंगलांग में गश्त जारी रखा है।
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जमीन पर बदली परिस्थितियों को देखते हुए चीन जरूरी सामंजस्य स्थापित करेगा। लेकिन उन्होंने इस संबंध में अधिक विवरण देने से इनकार कर दिया।