नई दिल्ली। भारत ने शुक्रवार को अपने इस्लामाबाद उच्चायोग में कार्यरत एक राजनयिक को बदले की भावना से निष्कासित किए जाने के पाकिस्तान के निर्णय की कड़ी निंदा की और उसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने एक वक्तव्य में कहा पाकिस्तान का यह निर्णय इस बात की पुष्टि करता है कि वह अपनी भारत विरोधी गतिविधियों और सीमा पार से आतंकवाद को मानने से अभी भी इनकार कर रहा है।
भारत ने गुरुवार को नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के एक राजनयिक को जासूसी करते रंगे हाथों पकड़ा और उसे अवांछित व्यक्ति (पर्सोना नॉन ग्राटा) घोषित करके 48 घंटों में भारत से चले जाने को कहा।
इसके बदले में पाकिस्तान ने गुरुवार देर रात इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के एक राजनयिक सुरजीत सिंह और उसके परिवार को ‘पर्सोना नॉन-ग्राटा’ घोषित किया और उन्हें 48 घंटों में पाकिस्तान से चले जाने को कहा।
विकास स्वरुप ने कहा पाकिस्तान ने अपने इस दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय के लिए कोई भी तर्क या कारण नहीं बताया। पाकिस्तान का यह आरोप कि सुरजीत सिंह की गतिविधियां कूटनीतिक मानदंडों के अनुरूप नहीं थीं’बिलकुल’ बेबुनियाद और निराधार हैं।
सुरजीत सिंह इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग में सहायक कार्मिक एवं कल्याण अधिकारी के पद पर कार्यरत थे।
विकास स्वरुप ने कहा यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान का यह निर्णय भारत के गुरुवार के निर्णय के बदले में लिया गया है जब नई दिल्ली में एक पाकिस्तानी राजनयिक को जासूसी करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया और उसे पर्सोना नॉन ग्राटा घोषित किया गया।
इस्लामाबाद में गुरुवार देर रात पाकिस्तानी विदेश सचिव ने भारतीय उच्चायुक्त को तलब किया और उसे कहा कि सुरजीत सिंह को पर्सोना नॉन ग्राटा घोषित किया जाता है।
पाकिस्तानी विदेश सचिव ने कहा कि सुरजीत सिंह की गतिविधियां विएना कन्वेंशन और राजनयिक मानदंडों के अनुकूल नहीं हैं। इसलिए उसे और उसके परिवार को 29 अक्टूबर तक पाकिस्तान से चले जाना होगा।