नागपुर। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने गुरुवार को कहा कि दक्षिण अफ्रीका के अहम दौरे जैसी चुनौतियों से पहले व्यस्त कार्यक्रम से टीम की तैयारी पर असर पड़ता है।
भारत इस समय श्रीलंका के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की सीरीज खेल रहा है। टेस्ट सीरीज के बाद उसे तीन वनडे और तीन टी-20 मैचों की सीरीज खेलनी है जिसका आखिरी मैच 24 दिसंबर को खेला जाएगा।
इसके बाद टीम 28 दिसंबर को दक्षिण अफ्रीका के लिए रवाना होगी। 30 दिसंबर से उसे बोलैंड पार्क, पार्ल में दो दिवसीय अभ्यास मैच खेलना है।
दक्षिण अफ्रीका दौर पर भारतीय टीम तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के साथ पांच वनडे मैचों की और तीन टी-20 मैचों की सीरीज खेलेगी।
कोहली ने श्रीलंका के साथ शुक्रवार से शुरू हो रहे दूसरे टेस्ट मैच से पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हमेशा की तरह समय की कमी है। मुझे लगाता है कि इस पर विचार किया जाना चाहिए क्योंकि जब हम बाहर जाते हैं तो आसानी से टीम का आंकलन कर लिया जाता है। लेकिन हम इस बात पर ध्यान नही देते हैं कि हमें वहां जाने से पहले तैयारी का कितना समय मिला।
उन्होंने कहा कि और, टेस्ट मैच के बाद जब परिणाम आते हैं तो हर कोई खिलाड़ियों को परखने लगता है। सभी कुछ साफ-साफ होना चाहिए, जिसमें हमें अपने हिसाब से तैयारी करने का अवसर मिलना चाहिए, इसके बाद हमारी आलोचना होनी चाहिए।
इसलिए हमें लगा कि हमारे पास अपने आप को चुनौती देने का यह (श्रीलंका के साथ मैच में तेज पिचें) अच्छा मौका है, खुद को उन हालात (दक्षिण अफ्रीका के हालात) में रखकर खेलने का मौका है। कोहली ने कहा कि शुक्रवार से शुरू हो रहे दूसरे टेस्ट मैच के लिए उन्होंने उछाल भरी पिचों की मांग की थी।
उन्होंने कहा कि हां, मैंने उछाल भरी पिचों की मांग की थी क्योंकि दुर्भाग्यवश हमें दक्षिण अफ्रीका जाने से पहले सिर्फ दो दिन मिलेंगे। इसलिए हमारे पास कोई और विकल्प नहीं है। इसलिए हम इन मैचों में उस तरह की परिस्थतियों में खेलने की कोशिश कर रहे हैं और वहां के हालात के बारे में सोच रहे हैं।
कोहली ने कहा कि अगर हमें एक महीने का समय मिला होता तो हम शिविर लगाकर अच्छी तैयारी करते, लेकिन हमें हमारे पास जो समय है उसके अनुसार ही काम करना होगा।
कोहली ने साथ ही इस बात के संकेत दिए कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वह टीम में सुंतलन बनाए रखने के लिए रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा में से किसी एक को आराम भी दे सकते हैं।
उन्होंने कहा कि मैं पक्के तौर पर नहीं कह सकता कि जब हम विदेश में खेलेंगे तो दो स्पिनरों के साथ खेलेंगे या नहीं। कप्तान के मुताबिक ऐसा इसलिए क्योंकि हमें टीम संतुलन बनाए रखने की जरूरत है। जाहिर सी बात है कि यह दोनों खिलाड़ी बल्लेबाजी काबिलियत के मुताबिक पहले टेस्ट में टीम में स्थान पाने के हकदार हैं।