नई दिल्ली। भारत ने गुरुवार को कहा कि वह अपने नागरिक कुलभूषण जाधव को वापस स्वदेश लाने के लिए प्रयासरत है, जिसे पाकिस्तान ने भारतीय जासूस करार देते हुए मौत की सजा सुनाई है।
साथ ही भारत ने जाधव पर लगे सभी आरोपों को एक बार फिर बेबुनियाद करार दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने सवालों का जवाब देते हुए कहा कि भारत को नहीं पता कि जाधव को पाकिस्तान में कहां रखा गया है और वह किस हालात में हैं, क्योंकि इस्लामाबाद ने भारतीय उच्चायोग को उनसे संपर्क करने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया है।
उन्होंने कहा कि हम उन्हें रिहा कराने के लिए प्रयासरत हैं..इस अवस्था में मैं इस मामले में भविष्य में उठाए जाने वाले कदमों को लेकर या हम किससे बात करेंगे या किससे बात नहीं करेंगे, जैसे मामलों में अटकलें नहीं लगाऊंगा।
भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी जाधव को जासूसी तथा पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोप में पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई है। भारत ने चेतावनी दी है कि अगर पाकिस्तान ने उन्हें मौत की सजा दी तो वह इसे ‘सुनियोजित हत्या’ मानेगा। पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को बलूचिस्तान से गिरफ्तार करने का दावा किया है।
यह पूछे जाने पर कि क्या जाधव के बारे में सरकार के पास कोई सूचना है, अधिकारी ने कहा कि कोई जानकारी नहीं है।
बागले ने संवाददाताओं से कहा कि हमारे पास कोई जानकारी नहीं है और पाकिस्तान सरकार ने हमसे यह साझा नहीं किया है कि उन्हें कहां रखा गया है, कहां और कैसे गिरफ्तार किया गया और उनकी हालत कैसी है।
उन्होंने दोहराया कि जाधव के खिलाफ खुफिया सैन्य सुनवाई की कोई विश्वसनीयता नहीं है और उन पर लगे जासूसी तथा इस्लामाबाद के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोपों को बेबुनियाद करार दिया।
उन्होंने कहा कि 10 अप्रेल तक भारत ने पाकिस्तान से 13 बार अनुरोध किया कि जाधव तक भारतीय अधिकारियों की पहुंच सुनिश्चित की जाए, लेकिन इस्लामाबाद ने हर बार इनकार कर दिया।
बागले ने दोहराया कि अगर ‘जाधव की सजा पर अमल किया जाता है, तो वह सुनियोजित हत्या’ होगी।
अधिकारी ने पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा की गई खुफिया सुनवाई को ‘पूरी तरह अपारदर्शी’ करार दिया। उन्होंने कहा कि सुनवाई की कोई विश्वसनीयता नहीं है।”
बागले ने कहा कि जाधव तक उच्चायोग की पहुंच प्रदान करने से इनकार करना ‘आरोपों के झूठ को बेनकाब करता है।’
उन्होंने कहा कि इन सबके बीच, जाधव के खिलाफ की गई कार्रवाई हास्यास्पद है। फैसला न्यायोचित नहीं है। कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। यह अंतर्राष्ट्रीय संबंधों तथा न्याय के आधारभूत मानदंडों का उल्लंघन है।
यह पूछे जाने पर कि क्या जाधव को दी गई सजा लापता पाकिस्तानी सेना के पूर्व अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल हबीब जहीर से जुड़ी है, बागले ने कहा कि उन्हें इस बारे में ‘कोई जानकारी नहीं’ है।
बागले ने यह भी कहा कि जाधव ईरान के चाबहार बंदरगाह पर ‘कानूनी तौर पर व्यापार’ कर रहे थे और इस मुद्दे पर ईरान के साथ भी चर्चा की गई है।
अधिकारी ने कहा कि हमने मुद्दे पर ईरान के साथ चर्चा की है। वह वहां कानूनी रूप से व्यापार कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जांच की प्रगति के संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
यह पूछे जाने पर कि जाधव के पास से हुसैन मुबारक पटेल के नाम से एक फर्जी पासपोर्ट मिलने की बात सामने आई है, बागले ने कहा कि उन्होंने वह पासपोर्ट देखा नहीं है।