नई दिल्ली। देश में उपलब्ध संसाधन और संस्थाएं को नेपाल के हितों के लिए हमेशा रहने की बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि दोनों के बीच की अभूतपूर्व मित्रता वर्तमान में चल रही एवं प्रस्तावित योजनाओं के माध्यम से और आगे बढ़ाया जा सकेगा।
शनिवार को भारत आए नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी.ओली से मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया को बताया कि नेपाल के आर्थिक विकास में भारत की स्थायी रुचि को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश में उपलब्ध संसाधन और संस्थाएं नेपाल के विकास के लिए हमेशा तैयार है।
इस सन्दर्भ मे,भारत की आर्थिक प्रगति नेपाल की संपन्नता का एक सहज मार्ग बन सकतीं हैं। दोनों देशों के बीच के यातायात गलियारे विकास के मार्ग बन सकते हैं। इसके लिए दोनों देशों के बीच दो और ट्रांसिट पाइंट खोलने पर शनिवार को हुई सहमति महत्वपूर्ण है। इन केंद्रों का खुलना क्षेत्रीय आर्थिक विकास तथा संपर्क को भी प्रबल बनाएगा।
भारत के प्रति नेपाल की गौरवशाली जनता के अथाह प्रेम और सद्भावनाओ काफी सराहनीय है। दोनों के संस्कृति और परम्परा पर फोकस करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सीमा पर किसी तरह का कोई बंधन इस परम्परा को बनाए रखा हुआ है।
नेपाल में शांति, स्थिरता सहित आर्थिक विकास को साझा उद्धेश्य स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में नेपाल ने जिस तरह से लोकतंत्र और संघवाद के मार्ग पर प्रशसंनीय प्रगति की है, उसे बनाए रखने में भारत हमेशा अपना सहयोग देते रहेगा।
वर्ष 2014 में नेपाल की यात्रा का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नेपाल भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा कर सकता है। इसके लिए दोनों देश कई जलविद्युत परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं। जिनकी कुल क्षमता लगभग 7000 मेगावॉट है। हाल ही में शुरु की गई मुजफ्फरपुर-धलकेवार ट्रांसमिशन नेपाल को लगभग 80 मेगावाट बिजली उपलब्ध कराएगी, जो कि आगामी दो वर्षों में 600 मेगावाट बिजली नेपाल को प्रदान करेगी।
व्यापार और निवेश को दोनों देशों के बीच एक प्रमुख आधारस्तंभ बनाते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संयुक्त चेकपोस्ट का शीघ्र निर्माण किया जाना प्रस्तावित है, जो कि दोनों देशों के हित में है। इसके लिए नेपाली प्रधानमंत्री कोली के साथ तराई क्षेत्र में सड़क निर्माण पर शनिवार को एक व्यापार संरचना पर एक समझौता किया गया है। यह समझौता व्यापार को काफी मजबूती प्रदान करेगा।
नेपाल में गत वर्ष आए भूकंप का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भूकंप के बाद हुई बर्बादी को देखते हुए नेपाल के पुनर्निमार्ण की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए भारत ने एक बिलियन डॉलर का सहायता पैकेज भी उपलब्ध कराया।
इस संदर्भ में शनिवार को हुए दो समझौते भविष्य में नेपाल में हुई ऐसी किसी त्रसादी से निपटने में सहायक होगा। जानकारी हो कि इस समझौते के तहत नेपाल को 250 मिलियन यूएस डॉलर की सहायता एवं 750 मिलियन यूएस डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट दिया जाना प्रस्तावित है।