नई दिल्ली। चीन के बयान की एनएसजी की सदस्यता ‘फेयरवेल गिफ्ट’ (विदाई उपहार) नहीं हो सकती पर गुरुवार को भारत ने कहा कि वह सदस्यता उपहार स्वरुप नहीं बल्कि परमाणु अप्रसार के रिकॉर्ड के दम पर हासिल करना चाहता है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने गुरुवार को यहां पत्रकारवार्ता में कहा कि भारत उपहार के रूप में एनएसजी सदस्यता की मांग नहीं कर रहा है। भारत अपने परमाणु अप्रसार रिकार्ड पर यह मांग कर रहा है।
उन्होंने कहा कि ‘मैं, ज़ाहिर है, अन्य आवेदकों के लिए बात नहीं कर सकता।’ उनका इशारा पाकिस्तान के परमाणु अप्रसार संबंधित खराब रिकार्ड की ओर था जो चीन की सहायता से इन समूह में शामिल होना चाहता है।
उल्लेखनीय है कि चीन के भारत के एनएसजी में शामिल होने के विरोध पर ओबामा प्रशासन आपत्ति जता चुका है। जिस पर चीन ने विदाई उपहार वाला बयान दिया था।