Warning: Undefined variable $td_post_theme_settings in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/news/wp-content/themes/Newspaper/functions.php on line 54
भारत रक्षा पर खर्च करने वाला दुनिया का शीर्ष 5वां देश - Sabguru News
Home Breaking भारत रक्षा पर खर्च करने वाला दुनिया का शीर्ष 5वां देश

भारत रक्षा पर खर्च करने वाला दुनिया का शीर्ष 5वां देश

0
भारत रक्षा पर खर्च करने वाला दुनिया का शीर्ष 5वां देश
india is the fifth biggest military spender in the world
india is the fifth biggest military spender in the world
india is the fifth biggest military spender in the world

नई दिल्ली। भारत का रक्षा खर्च साल 2016 में लगभग 8.5 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 55.9 अरब डॉलर हो गया है, जिसके साथ ही रक्षा साजो-सामान पर सर्वाधिक व्यय करने वाला यह दुनिया का पांचवां राष्ट्र बन गया है।

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, रक्षा खर्च के मामले में अमरीका अव्वल बना हुआ है। अमरीका का रक्षा खर्च साल 2015 से 2016 के बीच 1.7 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 611 अरब डॉलर हो गया है।

रक्षा पर सर्वाधिक खर्च करने वाले 15 राष्ट्रों में चार अन्य देश चीन, जापान, दक्षिण कोरिया तथा ऑस्ट्रेलिया हैं।

रक्षा खर्च के मामले में चीन द्वितीय स्थान पर है। 5.4 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ रक्षा पर उसका कुल खर्च 215 अरब डॉलर हो गया है।

सिपरी की रिपोर्ट के मुताबिक हालांकि चीन के रक्षा खर्च में बढ़ोतरी की दर पिछले साल की तुलना में कम है।

रक्षा पर खर्च के मामले में रूस का दुनिया में तीसरा स्थान है। कुल 5.9 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ उसका कुल रक्षा खर्च 69.2 अरब डॉलर हो गया है।

साल 2015 में रक्षा खर्च के मामले में दुनिया में तीसरे स्थान पर रहा सऊदी अरब साल 2016 में लुढ़कर चौथे स्थान पर आ गया। साल 2016 में उसका रक्षा खर्च 30 फीसदी गिरावट के साथ 63.7 अरब डॉलर का रहा। इसके बावजूद यह देश क्षेत्रीय संघर्षो/युद्धों में लगातार संलग्न है।

पाकिस्तान इस मामले में शीर्ष 15 देशों में शामिल नहीं है। उसका रक्षा खर्च 9.93 अरब डॉलर का रहा।

रिपोर्ट के मुताबिक आर्थिक संकट के कारण अमरीका अपने रक्षा बजट में लगातार कटौती कर रहा था, लेकिन साल 2016 में रक्षा व्यय में बढ़ोतरी से इस प्रवृति के खत्म होने के संकेत मिलते हैं।

आंकड़ों में यह भी दर्शाया गया है कि साल 2010 में इसका रक्षा खर्च शिखर पर था, जबकि साल 2016 में इसमें बढ़ोतरी के बाद भी यह उस वक्त के खर्च से 20 फीसदी कम है।

सिपरी आर्म्स एंड मिलिट्री एक्सपेंडिचर (एएमईएक्स) कार्यक्रम के निदेशक ऑडे फ्ल्यूरेंट के मुताबिक अमरीकी कांग्रेस ने रक्षा खर्च में बढ़ोतरी पर सहमति जताई है। हालांकि अमरीका में बदलते राजनीतिक परिदृश्य के कारण भविष्य में रक्षा खर्च की रूपरेखा अनिश्चित रहेगी।

पश्चिमी यूरोप में लगातार दूसरे साल रक्षा में बढ़ोतरी देखी गई और पिछले साल की तुलना में इस साल 2.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जबकि तेल से होने वाली आय में कमी तथा तेल की कीमतों से संबंधित आर्थिक समस्याओं के कारण कई तेल उत्पादक देशों को अपना सैन्य खर्च कम करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

पिछले साल वैश्विक रक्षा खर्च दुनियाभर के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 2.2 फीसदी था।

सिपरी के मुताबिक, मध्य-पूर्व के देशों ईरान तथा कुवैत में रक्षा खर्च में अहम बढ़ोतरी देखी गई, जबकि इराक तथा सऊदी अरब में इसमें कमी आई है।

वहीं, एशिया तथा ओशिएनिया में साल 2016 में रक्षा खर्च में 4.6 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इन देशों के रक्षा खर्चो में यह बढ़ोतरी दक्षिण चीन सागर को लेकर क्षेत्र में कई तरह के तनाव के परिणामस्वरूप हुई है।