बेंगलूरु/नई दिल्ली। तंज़ानिया की एक छात्रा पर बेंगलूरु में हुए हमले पर देश के भीतर और भारत-तंज़ानिया के बीच गुरुवार को तब राजनीति गरमा गई जब भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया।
भारत में तंज़ानिया के उच्चायुक्त जॉन डब्लू एच किजाज़ी ने गुरुवार को कहा कि यह घटना ‘मॉब जस्टिस’ और ‘रेसिस्म’ (नस्लवाद) जैसी है। उन्होंने भारत सरकार को भी इस विषय में पत्र लिखा है और भारत सरकार ने उन्हें कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
उच्चायुक्त किजाज़ी ने कहा कि प्रत्येक मनुष्य को अपनी दृष्टिकोण से इस घटना का मूल्यांकन करने का अधिकार है परन्तु इस घटना में कहीं न कहीं नस्लवाद दिखाई देता है। उच्चायुक्त ने बताया कि वह चाहते हैं पुलिस इस विषय में कठोर क़दम उठाए।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार रात्रि इस घटना की भर्तस्ना करते हुए इस घटना को ‘शर्मनाक’ बताया और उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया से बात की और उनसे एक रिपोर्ट मांगी है साथ ही मुख्यमंत्री से विदेशी विद्यार्थियों का विशेष ध्यान रखने को कहा है।
तंजानिया की इस छात्रा की बुधवार को बेंगलूरु में कुछ शरारती तत्वों ने पिटाई की थी और उसके कपडे फाड़ डाले थे। इस घटना से पूर्व सूडान के एक व्यक्ति ने एक 35 वर्षीय महिला को अपनी गाड़ी के नीचे कुचल दिया था जिसे कारण उसकी मृत्यु हो गई।
तंज़ानिया की यह छात्रा उसी समय दूसरी गाड़ी से लगभग 30 मिनट के बाद पहुंची और लोगों के आक्रोश का शिकार बन गई। बेंगलूरु में कर्नाटक के गृहमंत्री परमेश्वर ने इस बात का खंडन किया कि उस महिला के कपडे फाड़े गए थे। उन्होंने यह भी कहा कि यह एक नस्लवाद का मामला नहीं था बल्कि एक घटना के बदले में हुई थी।
गृह मंत्री परमेश्वर ने कहा कि इस घटना के बावत पांच लोगों से पूछताछ की जा रही है और विदेश मंत्रालय को भी इस घटना के विषय में जानकारी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि बेंगलुरु में लगभग 12000 विदेशी विद्यार्थी हैं और उनकी सुरक्षा राज्य सरकार का दायित्व है।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कर्नाटक सरकार को इस विषय में एक रिपोर्ट भेजने को कहा है। कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी कर्नाटक सरकार से एक रिपोर्ट मांगी है। कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है। कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने एक ट्वीट के द्वारा इस घटना की भर्तस्ना करते हुए कहा कि पुलिस को इस मामले में शीघ्र ही कड़े क़दम उठाने चाहिए।
इससे पूर्व बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुख़्तार अब्बास नक़वी ने कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी को इस विषय में चुप्पी साधने पर आड़े हाथों लेकर कहा था कि कांग्रेस पार्टी इस घटना को
छुपाना चाहती है क्योंकि कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है।