नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद् में स्थायी सदस्यता को लेकर लंबे समय से भारत के दावे पर विदेश मंत्रालय ने एक बार फिर भारत सरकार का रुख साफ कर दिया है।
भारत यूएन सुरक्षा परिषद् में बिना वीटो के स्थायी सदस्यता जैसे किसी भी विकल्प को लेकर कोई समझौता नहीं कर रहा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् की स्थायी सदस्यता को लेकर चर्चा हो रही है कि भारत बिना वीटो के स्थायी सदस्यता के विकल्प पर विचार कर रहा है। जबकि भारत सरकार ऐसे किसी भी विकल्प के बारे में नहीं सोच रही है।
इतना जरूर है कि भारत सहित कई देश, जिन्हें यूएन सुरक्षा परिषद् की स्थायी सदस्यता देने पर गंभीरता से विचार हो रहा है, को 15 साल तक वीटो के अधिकार के साथ स्थायी सदस्यता देने पर विचार किया जा रहा है।
15 साल बाद इस मुद्दे पर पुर्नविचार किया जाएगा। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद् में अस्थायी सदस्य देशों की संख्या बढ़ाने को लेकर भी विचार हो रहा है।