श्रीहरिकोटा। भारत ने एक बार फिर कई उपग्रहों के एक साथ प्रक्षेपण मिशन को अंजाम देते हुए पृथ्वी अवलोकन उपग्रह काटरेसैट, नैनो उपग्रह एनआईयूएसएटी और 14 देशों के 29 विदेशी उपग्रहों को शुक्रवार को कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने इन उपग्रहों को ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) की मदद से उनकी कक्षाओं में स्थापित किया। पीएसएलवी के साथ भेजे गए उपग्रहों में मुख्य उपग्रह काटरेसैट-2 श्रृंखला का पृथ्वी अवलोकन उपग्रह था, जिसका वजन 712 किलोग्राम था।
यह काटरेसैट श्रृंखला-2 के पूर्व के अन्य उपग्रहों के समान ही है और यह अगले पांच साल तक काम करेगा।
पीएसएलवी के साथ भेजे गए 30 छोटे उपग्रहों का कुल वजन 243 किलोग्राम है। इनमें 29 विदेशी उपग्रह 14 विभिन्न देशों- ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, ब्रिटेन, चिली, चेक गणराज्य, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, लातविया, लिथुआनिया, स्लोवाकिया और अमेरिका के हैं व एक उपग्रह भारत का है।
पूरे लॉन्च मिशन में करीब 23 मिनट का समय लगा। इसरो के अध्यक्ष ए.एस. किरण कुमार ने लॉन्च के बाद बताया कि मिशन सफल रहा। सभी उपग्रह कक्षा में स्थापित हो गए हैं।
कुमार ने यह भी बताया कि इस माह की शुरुआत में लॉन्च हुआ जीसैट-19 संचार उपग्रह अपनी निर्दिष्त कक्षा में पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि इस माह के अंत में एक और संचार उपग्रह लॉन्च किया जाएगा।
कुमार ने कहा कि इसरो पृथ्वी अवलोकन, नौवहन व संचार उपग्रहों पर काम जारी रखेगा। इसरो के अधिकारियों के मुताबिक संगठन सेमी-क्रायोजेनिक इंजन के विकास की दिशा में तेजी से काम कर रहा है, ताकि भारी उपग्रहों के प्रक्षेपण में मदद मिल सके।
इसरो उपग्रह केंद्र के निदेशक एम. अन्नादुरुई ने कहा कि पीएसएलवी रॉकेट से लॉन्च हुए उपग्रह सही तरीके से काम कर रहे हैं।
इसरो के अनुसार, काटरेसैट-2 श्रृंखला के उपग्रह में उन्नत श्रेणी के कैमरे लगे हैं, जो शहरी व ग्रामीण नियोजन, तटीय भूमि के उपयोग, सड़क नेटवर्क की निगरानी आदि के लिए महत्वपूर्ण आंकड़े उपलब्ध कराएंगे।
पीएसएलवी के साथ भेजे गए 30 छोटे उपग्रहों में भारत का एक उपग्रहण एनआईयूएसएटी भी है। 15 किलोग्राम वजनी यह उपग्रह तमिलनाडु की नूरल इस्लाम यूनिवर्सिटी का है। यह उपग्रह कृषि फसल की निगरानी और आपदा प्रबंधन सहायता अनुप्रयोगों के लिए मल्टी-स्पेक्ट्रल तस्वीरें प्रदान करेगा।
सभी 31 उपग्रहों का कुल वजन 955 किलोग्राम है। 44.4 मीटर लंबे और 320 टन वजनी पीएसएलवी रॉकेट ने सुबह 9.29 बजे इन उपग्रहों के साथ उड़ान भरी।
पीएसएलवी रॉकेट चार स्तरीय इंजन वाला है, जो ठोस व तरल दोनों वैकल्पिक ईंधनों से संचालित होता है। करीब 16 मिनट की उड़ान के बाद पीएसएलवी ने 510 किलोमीटर की ऊंचाई पर काटरेसैट को अलग कर दिया। इसके बाद रॉकेट से एनआईयूएसएटी और अन्य 29 विदेशी उपग्रह अलग हुए।