पणजी । ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन ने बताया कि इस साल रूस में भारतीय संस्कृति को लेकर लगातार उत्सव मनाए जा रहे हैं। इसी तरह अगले साल रूस भारत में आकर दोनों देशों की दोस्ती के 70 वीं वर्षगांठ मनाएगा। वहीं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने वक्तव्य में रूसी कहावत ‘स्तारीय द्रुग लुछे नोविख़ द्वुख ‘ को दोहराया, जिसका मतलब होता है कि एक पुराना मित्र, दो नए दोस्तों से बेहतर होता है।
भारत -रूस समझौतों से जुड़े विशेषज्ञों की मानें तो दोनों ही देश अब अपने संबंधों को ज्यादा से ज्यादा अनौपचारिक रूप देंगे। इसमें दोनों देशों के युवाओं के बीच बेहतर संवाद, शिक्षा – शिक्षक- छात्र संपर्क, सांस्कृतिक उत्सवों पर जोर रहेगा। इसके साथ -साथ दोनों ही देश अब संबंधों में ज्यादा आर्थिक एवं वाणिज्यिक पक्ष को रखेंगे।
गोवा में आठवीं ब्रिक्स सम्मिट की शुरुआत ही भारत-रूस के बीच अभूतपूर्व समझौतों के साथ हुई। दो दिवसीय ब्रिक्स सम्मिट के पहले ही दिन सबसे पहले भारत-रूस के बीच समझौते हुए। इस दौरान खुद रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन के शब्दों में, रूस और भारत के संबंध अब महज हथियारों की खरीद-बिक्री के दायरे में सीमित नहीं है। पिछले दो साल में भारत के साथ हमने बहुत से नए क्षेत्रों में आपसी साझेदारी को लेकर प्रयास शुरू कर दिए हैं।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी कोशिश पिछली ब्रिक्स सम्मिट से ही थी कि हम अपने पुराने साथी रूस के साथ दोस्ती का दायरा बढ़ाए।इसीलिए रूस के उफा में हुई सातवीं ब्रिक्स सम्मिट के बाद से ही दोनों देशों ने रक्षा उत्पादन, साइंस एंड टेक्नालॉजी, अंतरिक्ष विज्ञान, स्मार्ट सिटी, रेलवे, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास जैसे क्षेत्रों में आपसी साझेदारी को लेकर बात करनी शुरु कर दी थी, और उसी का परिणाम है कि आज हम रूस के साथ अपनी दोस्ती को इतने सारे क्षेत्रों में लेकर जा रहे हैं।
सम्मिट के दौरान भारत और रूस ने मिलकर वैश्विक शांति के लिए संयुक्त प्रयास करने की बात दोहराई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस को भारत की आतंकवाद से लड़ाई में समर्थन देने के लिए धन्यवाद कहा। मोदी ने कहा कि उन्हें खुशी है कि रूस ने भारत की आतंकवाद को लेकर ‘नो टॉलरेंस’ नीति को समझा और हमारा साथ दिया।
पुतिन ने भी माना कि आतंकवाद अब एक क्षेत्रीय समस्या ना होकर वैश्विक समस्या है और भारत भी आतंकवाद से पीडि़त देशों में से है। वहीं पुतिन ने भारत को सिविल एविएशन, नागरिक ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में मदद करते रहने का वादा किया है, जिसमें भारत में एयरलाइंस के लिए हवाईजहाज का निर्माण और आने वाले समय में भारत में 12 और नाभिकीय बिजली उत्पादन ईकाइयों की शुरुआत शामिल है।