इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने देश में जासूसी व विध्वंसकारी गतिविधियों के आरोप में दोषी ठहराए गए भारतीय नागरिक जाधव से मिलने की अनुमति भारतीय उच्चायोग को नहीं दी। पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त गौतम बम्बावाले ने शुक्रवार को कहा कि ऐसा 14वीं बार हुआ है, जब पाकिस्तान ने भारतीय उच्चायोग के इस अनुरोध को खारिज कर दिया।
पाकिस्तान की विदेश सचिव तहमीना जांजुआ से मुलाकात के बाद बम्बावाले ने यहां कहा कि हमने (जाधव से) मुलाकात का अनुरोध किया था, लेकिन इसकी अनुमति नहीं मिली।
भारत ने यह भी कहा कि उसने इससे पहले भी 13 बार जाधव से मुलाकात का अनुरोध किया था, जिसे पाकिस्तान ने हर बार खारिज कर दिया।
पूर्व पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी के मामले में पूछे जाने पर, जिन्हें कथित तौर पर नेपाल के लुंबिनी से पिछले सप्ताह अगवा कर लिया गया, बम्बावाले ने कहा कि उन्हें इस मामले की ‘कोई जानकारी नहीं’ है।
उन्होंने कहा कि लेफ्टिनेंट कर्नल हबीब जहीर की गुमशुदगी के बारे में पाकिस्तान की सेना से सवाल किया जाना चाहिए। उन्हें उनके ठिकानों के बारे में बेहतर जानकारी होगी।
इससे पहले पाकिस्तान की विदश नीति मामलों के प्रमुख सरताज अजीज ने अपने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ‘जासूसी के मामलों’ में राजनयिक पहुंच नहीं प्रदान किया जा सकता।
जाधव को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने 10 अप्रेल को देश में जासूसी व विध्वंसकारी गतिविधियों के आरोप में मौत की सजा सुनाई।
जाधव को कानून के अनुसार सजा दी गई : पाकिस्तान
पाकिस्तान ने शुक्रवार को कहा कि देश में जासूसी व विध्वंसकारी गतिविधियों के आरोप में भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को कानून के अनुसार दोषी ठहराया गया और सजा सुनाई गई। उनके पास सर्वोच्च न्यायालय में अपील के लिए 40 दिन का समय है।
पाकिस्तान की विदेश नीति मामलों के प्रमुख सरताज अजीज ने भारत को इस मुद्दे पर ‘शब्दाडंबरपूर्ण बयानों’ को लेकर चेताया भी।
उन्होंने कहा कि उसे कानून के अनुसार सजा दी गई। वह पाकिस्तान में विध्वंसकारी गतिविधियों में संलिप्त था और उसके पास दो पासपोर्ट थे, जिसका जवाब भारत नहीं दे रहा।
अजीज ने भारत के इस दावे की भी निंदा की कि जाधव एक पूर्व नौसैनिक हैं और उन्हें ईरान से ‘अगवा’ किया गया। इसकी बजाय अजीज ने दावा किया कि जाधव भारतीय नौसेना के सेवारत अधिकारी हैं।
उन्होंने कहा कि इस तरह की बयानबाजी शब्दाडंबरपूर्ण है कि उसे ईरान से गिरफ्तार किया गया। उसे सर्वोच्च न्यायालय में समीक्षा याचिका दायर करने का अधिकार है। साथ ही पाकिस्तान की सेना और राष्ट्रपति के पास भी 40 दिनों के भीतर दया दाचिका देने का अधिकार है।
अजीज ने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर भारतीय बयानों से कूटनीतिक तनाव बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि हमें एक-दूसरे की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि भारत ने इस मुद्दे पर सख्त तेवर अपनाते हुए कहा है कि यदि पाकिस्तान जाधव को सुनाई गई मौत की सजा पर अमल करता है तो यह सुनियोजित हत्या होगी।