नई दिल्ली। भारत ने सोमवार को ब्रिटेन के समक्ष शराब कारोबारी विजय माल्या और क्रिकेट की इंडियन प्रीमियर लीग के पूर्व प्रमुख ललित मोदी के प्रत्यर्पण का मामला उठाया।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि इस मुद्दे पर सकारात्मक बातचीत हुई है। रिजिजू ने ब्रिटेन के आव्रजन मामलों के रज्य मंत्री ब्रैनडन लेविस से चर्चा के बाद कहा कि लेविस से मेरी भारत और ब्रिटेन से संबंधित मुद्दों पर काफी सकारात्मक और स्पष्ट बातचीत हुई।
लेविस ने ब्रिटेन के अधिकारियों के साथ नार्थ ब्लॉक में रिजिजूू से मुलाकात की जहां रिजीजू ने 13 लोगों के प्रत्यर्पण के मुद्दे पर उनसे चर्चा की। इन लोगों में बैंकों का कर्ज न चुकाने के आरोपी विजय माल्या, ललित मोदी और सट्टेबाज संजीव चावला शामिल हैं। साथ ही 16 म्यूचल लीगल असिस्टेंस ट्रीटी (एमएलएटी) से संबंधित मामले उठे।
माल्या के प्रत्यर्पण के संबंध में लेविस से उनकी हुई बातचीत के बारे में पूछे जाने पर रिजिजू ने कहा कि भारत ने सभी मुद्दों पर अपनी स्थिति स्पष्ट की और ब्रिटेन सरकार की तरफ से सभी पर सकारात्मक प्रक्रिया मिली। उन्होंने कहा कि माल्या के मामले पर ज्यादा बात नहीं हो सकती, क्योंकि मामला अभी अदालत में है।
माल्या को ब्रिटेन में 13 अक्टूबर को प्रवर्तन निदेशालय की ओर से दर्ज धोखाधड़ी और धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया गया था और उसके तुरंत बाद ही लंदन अदालत से उसे जमानत दे दी गई थी।
मंत्री ने लेविस को ब्रिटेन में स्थित सिख उग्रवादियों तथा कश्मीर अलगाववादियों द्वारा भारत विरोधी गतिविधि चलाने की ओर भी ध्यान दिलाया।
बैठक में गृह मंत्रालय पासपोर्ट या यात्रा दस्तावेज खो जाने पर अपने नागरिकों को छह माह तक के लिए आपातकालीन दस्तावेज बनाने के लिए सहमत हुआ। इसकी अवधि पहले तीन माह थी।
लेविस ने इस वार्ता के बाद संतोष प्रकट करते हुए ट्वीट कर कहा कि रिजिजू के साथ इस दोपहर साझा उद्देश्यों और अप्रवासन के मुद्दे पर सकारात्मक बैठक हुई
उन्होंने कहा कि हमारे बीच वास्तव में काफी अच्छी बैठक हुई और हम हमारी सरकार के बीच सकारात्मक वार्ता जारी रखेंगे।