नई दिल्ली। भारतीय व्यंजन को अंतर्राष्ट्रीय ख्याति दिलाने के उद्देश्य से एक अनूठे प्रयास में एक विशाल कढ़ाई में मल्टी ग्रेन को मिलाकर 918 किलो की खिचड़ी बनाकर एक नया विश्व रिकार्ड बनाया गया।
इस पूरी प्रक्रिया में सात फीट के व्यास वाली एक हजार लीटर स्टेनलेस स्टील की कढ़ाई में भाप का प्रयोग कर व्यंजन को धीमी आंच पर पकाया गया। इस कढ़ाई को उठाने के लिए क्रेन का इस्तेमाल किया और वजन कर इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने योग्य बनाया गया।
इस मौके पर केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि इस कार्यक्रम के जरिए हमारा मकसद खिचड़ी को विश्व स्तर पर बढ़ावा देना है। इसमें प्रयोग होने वाले चावल, बाजरा, रागी, ज्वार और अमरनाथ के बाजार को बढ़ावा मिलेगा जिसका सीधा फायदा भारतीय किसानों को होगा।
उन्होंने कहा कि हमने खिचड़ी को विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए इस्तेमाल किया है ताकि यह दिखाया जाए कि हमारे व्यंजन विविध हो सकते हैं लेकिन हमारे पास एक समानता है। व्यंजन को देश की एकता का प्रतीक बताते हुए उन्होंने कहा कि इसमें विश्व का सबसे पसंदीदा व्यंजन बनने की क्षमता है।
इस मौके पर योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि इस व्यंजन पर जोर देने से विश्व बाजार में भारतीय भोजन को नया सम्मान मिलेगा। रामदेव ने कहा कि सूक्ष्म पोषक तत्वों की उच्च संख्या की वजह से यह भारतीयों का सुपर खाना है और अंतर्राष्ट्रीय सुपर भोजन बनने की क्षमता रखता है।
व्यंजन की तैयारी का काम कर रहे शेफ संजीव कपूर और अक्षय कुमार ने कहा कि आज दुनिया के दर्शकों के लिए एक स्वस्थ भोजन के रूप में खिचड़ी का फिर से आविष्कार किया गया है। उन्होंने बताया कि व्यंजन के एक हिस्से को पैक कर नुस्खे के साथ भारत में विदेशी मिशन के प्रमुखों को भेजा जाएगा।
हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि इस व्यंजन को गुरु नानक देव जी के गुरुपर्व के शुभ अवसर पर लगभग दस हजार व्यक्तियों को वितरित किया जाएगा। दिल्ली लंगर सेवा समिति के अध्यक्ष बिकी धींगरा ने कहा कि वे एक निश्चित स्थान पर लगभग 5,000 वंचित लोगों को भोजन वितरित करेंगे।