नई दिल्ली। जापान के राष्ट्रीय संक्रामक रोग संस्थान (एनआईआईडी) के साथ भारतीय मेडिकल अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और जीवाणु विभाग ने एक समझौता किया है। टोक्यो में विश्व स्वास्थ्य संगठन के दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र के देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक के मौके पर दोनों के बीच इस आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए गए।
इस मौके पर भारतीय स्वास्थ्य मंत्री ने नई दवाओं की खोज, शोध व विकास को प्रोत्साहित करने तथा दवाओं की सभी तक समान रूप से पहुंच सुनिश्चित करने पर बल दिया।
इस सहयोग को दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों में एक और महत्वपूर्ण कदम बताते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि यह दोनों देशों के बीच वैज्ञानिक शोध और खासकर सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने में मददगार होगा। आशय पत्र में रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एएमआर) के वैश्विक बोझ और वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा पर इसके प्रभाव को स्वीकार करते हुए श्स्वास्थ्य के क्षेत्र में स्वास्थ्य, श्रम मंत्रालय और जापान के कल्याण और भारत के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के बीच 1 सितंबर, 2014 को हस्ताक्षरित ज्ञापन को याद किया गया है।
साथ ही रोगाणुरोधी प्रतिरोध अनुसंधान के क्षेत्र में भारत के आईसीएमआर और जापान की एनआईआईडी के बीच सहयोग शुरू करने की इच्छा जताई गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण जेपी नड्डा टोक्यो में आयोजित विश्व स्वास्थ्य संगठन के दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र के देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक में भाग ले रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक में नड्डा ने सभी देशों में एएमआर राष्ट्रीय कार्य योजना को लागू करने के लिए सहयोगात्मक और पर्याप्त संसाधन जुटाने पर बल दिया।