न्यूयार्क। भारत ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के दौरान आतंकवाद का समर्थन करने के लिए पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की। भारत ने पाकिस्तान को ‘टेररिस्तान’ का तमगा दिया।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन की प्रथम सचिव ईनम गंभीर ने गुरुवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद अब्बासी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पाकिस्तान के छोटे से इतिहास में वह आतंकवाद का पर्याय बन चुका है।
इससे पहले गुरुवार को अब्बासी ने कहा था कि कश्मीर में लोगों के ‘संघर्ष’ को भारत द्वारा ‘क्रूरता से दबा दिया गया’। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की शुद्ध भूमि की खोज ने वास्तव में उसे आतंक की भूमि बना दिया है। पाकिस्तान अब टेररिस्तान है और वह अब धड़ल्ले से वैश्विक आतंकवाद का निर्यात करता है।
ईनम ने कहा कि पाकिस्तान की मौजूदा स्थिति का इस तथ्य से अनुमान लगाया जा सकता है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के नेता हाफिज सईद अब एक राजनीतिक दल के नेता के रूप में वैधता पाने की मांग कर रहे हैं।
ईनम ने पाकिस्तान को उस देश के रूप में वर्णित किया, जिसकी आतंकवाद-रोधी नीति वैश्विक आतंकवादियों के लिए अपने सैन्य इलाके में सुरक्षित ठिकाने उपलब्ध कराना या फिर राजनीतिक करियर के माध्यम से उनकी सुरक्षा करना है।
यह जगजाहिर है कि अल कायदा नेता ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान के एबटाबाद शहर में पाया गया था और फिर अमेरिकी सैनिकों ने उसे मार गिराया था।
ईनम के अनुसार पाकिस्तान के अपने पड़ोसियों तक आतंकवादियों को पहुंचाने के प्रयासों का कोई स्पष्टीकरण नहीं है। जहां तक भारत का संबंध है, पाकिस्तान को समझना चाहिए कि जम्मू-कश्मीर हमेशा भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा। पाकिस्तान यहां से सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देता है लेकिन वह भारत की क्षेत्रीय अखंडता को कम करने में कभी सफल नहीं होगा।
आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान द्वारा अपने प्रयासों का रोना-रोने का मजाक उड़ाते हुए ईनम ने कहा कि इस मामले में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला अब इसकी कीमत भी चुका रहा है।उन्होंने कहा कि टेररिस्तान वास्तव में ऐसा क्षेत्र है जिसका आतंक के वैश्वीकरण में अहम योगदान है।