नई दिल्ली I भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा खगोलीय पिंडो के अध्ययन के लिए पूरी तरह से समर्पित भारत के प्रथम उपग्रह एस्ट्रोसेट का सोमवार सुबह 10 बजे सफल प्रक्षेपण किया गया I
इसके सफल होने पर अंतरिक्ष में अपनी दूरबीन लगाने वाला भारत पहला विकासशील राष्ट्र बन गया है I साथ ही अमेरिका, यूरोपीय संघ और जापान जैसे देशों के विशिष्ट क्लब में भी शामिल हो गया है I
इसरो के मुताबिक एस्ट्रोसेट अंतरिक्ष वेधशाला के रूप में उसके द्वारा संचालित पहला मिशन है। एस्ट्रोसेट के साथ छह और उपग्रह हैं जिनमें एक-एक इंडोनेशिया और कनाडा का और चार छोटे उपग्रह अमेरिका के हैं। ये छह उपग्रह समुद्री निगरानी के लिए हैं।
एस्ट्रोसेट में चार एक्सरे पेलोड, एक अल्ट्रा वायलेट दूरबीन और एक चार्ज पार्टिकल मॉनीटर है। ऐसा करने वाला भारत चौथा देश बन गया है। अभी तक अमेरिका, रूस और जापान ने ही अंतरिक्ष वेधशाला को लॉन्च किया है।
इसरो के अनुसार एस्ट्रोसेट का वजन 1,513 किलोग्राम है और यह 180 करोड़ रुपए की लागत से बना है ई सात उपग्रहों को ले जाने वाला यह चार स्तरीय पीएसएलवी-एक्सएल रॉकेट 44.4 मीटर लंबा और 320 टन वजनी है और इस अभियान में कुल 25 मिनट का समय लगा I