बालासोर। भारत ने देश में निर्मित परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम एक हजार किलोमीटर तक मार करने वाली पहली सबसोनिक क्रूज मिसाइल निर्भय का शुक्रवार को चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण कें द्र से सफल परीक्षण किया…
इस मिसाइल को बनाने वाले रक्षा अनुुसंधान एवं विकास सगठन (डीआरडीओ) के प्रमुख अविनाश चन्द्र ने बताया कि मिसाइल का परीक्षण सुबह करीब 10 बज कर तीन मिनट पर किया गया जो सभी मानदंडो पर खरा उतरा। मिलाइल का प्रदर्शन हमारी आशाओं से कहीं अधिक अच्छा रहा। हम आशा करते हैं कि निर्भय को तीन साल के अंदर सेना को सौंप दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा रक्षा मंत्री अरूण जेटली ने देश के पहले सबसोनिक क्रूज मिसाइल निर्भय के सफल परीक्षण पर वैज्ञानिकों को बधाई दी है।
प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि इस मिसाइल के सफल प्रक्षेपण से भारतीय रक्षा की क्षमता मजबूत हुई है। मैं अपने वैज्ञानिकों को इस सफल प्रक्षेपण की बधाई देता हूं। जेटली ने कहा कि वह डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को निर्भय के सफल परीक्षण पर बधाई देते हैं। यह भारत के लिए गौरव का क्षण है।
दुश्मन के राडार को चकमा देने में सक्षम इस निर्भय मिसाइल को अमरीका के टोमाहाक और पाकिस्तान के बाबर मिसाइल का जवाब माना जा रहा है। निर्भय मिसाइल का यह दूसरा परीक्षण है। पहला परीक्षण पिछले साल 12 मार्च को हुआ था जिसके अपेक्षित परिणाम नहीं मिल सके थे।
डीआरडीओ सूत्रों के अनुसार लांच पैड से दागे जाने के बाद निर्भय मिसाइल एक विलक्षण पथ पर उड़ान भरती है। यह दो स्तरीय मिसाइल है जिसका बूस्टर इंजन इसे पहले सीधे हवा में 800 मीटर की ऊंचाई तक उछालता है, इसके बाद यह नीचे आकर अपने दूसरे इंजन की मदद से कि सी लड़ाकू विमान की तरह जमीन के समानांतर 750 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ान भरने लगती है।
उनका कहना था कि निर्भय मिसाइल जमीन के समानांतर नीची उड़ान भरती है जिसके कारण इस मिसाइल को दुश्मन के रडार आसानी से नहीं पकड सकते। यह मिसाइल अपने लक्ष्य के इर्द गिर्द कई मिनटों तक घूमती रहती है और सही समय पर लक्ष्य पर हमला करती है। निर्भय मिसाइल कई मुखास्त्रों को अपने साथ ले जाने में सक्षम है जिनकी मदद से यह एक बार में कई लक्ष्यों पर निशाना साध सकती है।
इसे जल थल और पनडुब्बी से भी छोड़ा जा सकता है। हवा में भी इसे चलाने की क्षमता को विकसित किया जा रहा है।