नई दिल्ली। भारत ने गुरूवार को चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से जमीन से हवा में प्रहार करने वाली स्वदेश में विकसित आकाश मिसाइल का पैरा-बैरल लक्ष्यों पर निशाना साधकर तीन दौर में परीक्षण किया।
25 किलोमीटर तक प्रहार करने और 60 किलोग्राम आयुध (वारहैड) लेकर जाने की क्षमता वाली मिसाइल का परीक्षण प्रक्षेपण आईटीआर के प्रक्षेपण परिसर-3 से पूर्वाह्न 11 बजे से अपराह्न दो बजे तक किया गया।
परीक्षण के दौरान पैरा-बैरल लक्ष्य पर निशाना साधने वाली आकाश मिसाइल ‘रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन’ (इसरो) द्वारा विकसित मध्यम स्तर की जमीन से हवा में प्रहार करने वाली विमान रोधी रक्षा प्रणाली है।
एकीकृत निर्देशित प्रक्षेपास्त्र विकास कार्यक्रम के तहत इसे विकसित किया गया है। आकाश रामजेट-रॉकेट संचालन प्रणाली से चालित है। यह मिसाइल 2.8 से 3.5 मैक की सुपरसोनिक गति से उड़ान भर सकती है और करीब 25 किलोमीटर तक की दूरी के हवाई लक्ष्यों को भेद सकती है। वायु सेना में औपचारिक रूप से जुलाई 2015 में इस मिसाइल को शामिल किया गया था।
अमरीकी एमआईएम-104 पैट्रियट मिसाइल की तुलना में आकाश में लड़ाकू विमानों, क्रूज मिसाइलों और हवा से सतह पर प्रहार करने वाली मिसाइलों को भेदकर गिराने की क्षमता है।