नई दिल्ली। सऊदी अरब के शहर नजरान में एक मकान में आग लगने की घटना में मारे गए 11 भारतीय मजदूरों के शवों को स्वदेश लाने के लिए जेद्दा स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास व्यवस्था कर रहा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने प्रेस वार्ता में कहा कि मारे गए 11 भारतीयों में चार उत्तर प्रदेश, तीन केरल और बिहार, पंजाब व तलिनाडु के एक-एक व्यक्ति शामिल हैं।
बागले ने कहा कि मृतकों में उत्तर प्रदेश के तबरेज खान अतीक अहमद, वसीम अकरम व वकील अहमद, केरल के कमलपान सत्यम, बैजू राघवन व श्रीजीत कोट्टासेरी, बिहार के गौरी शंकर गुप्ता, तमिलनाडु के मोरोकानंदन कल्याण तथा पंजाब के पारस कुमार सुबेदार शामिल हैं।
सभी एमार ईए मोताहेदॉन ट्रेडिंग एंड कॉन्ट्रैक्टिंग कंपनी में नौकरी करते थे। सऊदी गैजेट ने अधिकारियों का हवाला देते हुए कहा कि नजरान में बुधवार को एक मकान में आग लगने के कारण दम घुटने से 11 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई।
रिपोर्ट के मुताबिक, नजरान सिविल डिफेंस के प्रवक्ता अब्दुल्लाह अल-फारी ने कहा कि दमकलकर्मियों ने एक घर में लगी आग पर काबू पाया। घर में कोई खिड़की नहीं थी। दम घुटने से 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि छह अन्य घायल हो गए।
आग सुबह चार बजे तीन कमरे के एक मकान में लगी, जिसमें हवा आने-जाने के लिए खिड़की तक नहीं थी। नजरान यमन की सीमा के निकट दक्षिण-पश्चिम सऊदी अरब का एक शहर है।
बागले ने कहा कि घटना में मारे गए पारस कुमार सुबेदार तथा मोहम्मद वसीम अजीजुर रहमान तथा घायल अन्य लोगों का पता लगाया जा रहा है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार रात ट्वीट किया कि नजरान में एक दुर्घटना में 10 भारतीय नागरिकों की जान चली गई है, जबकि छह अन्य घायल हुए हैं।
उन्होंने कहा कि मैंने जेद्दा के कौंसल जनरल से बात की। नजरान जेद्दा से 900 किलोमीटर दूर है। हमारे कर्मचारी पहला विमान पकड़कर वहां पहुंच रहे हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि हमारे कौंसल जनरल नजरान के गवर्नर के संपर्क में हैं। वह मुझे पल-पल की जानकारी दे रहे हैं।